Jharkhand Cyber Crime News: देवघर साइबर थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना पर नगर थाना क्षेत्र के बीएन झा पथ पोखनाटिल्हा मुहल्ला स्थित उमा भवन में छापेमारी कर आई-फोन से ठगी करने वाले मास्टर ट्रेनर समेत छह साइबर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने 12 आई-फोन समेत 26 मोबाइल, 37 फर्जी सिम कार्ड, चार एटीएम कार्ड व एक कॉपी बरामद किया है. इस कॉपी में जामताड़ा के लड़कों के नाम लिखे हुए हैं. पुलिस के मुताबिक, साइबर ठगी के आरोप में पकड़ा गया मास्टर ट्रेनर आई-फोन से ठगी करता था.
गिरिडीह से मास्टर ट्रेनर गिरफ्तार
साइबर थाना से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार साइबर आरोपियों में नये तरीके से साइबर ठगी करने का मास्टर ट्रेनर गिरिडीह जिला के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के घसको गांव निवासी प्रदीप मंडल सहित उसी थाना क्षेत्र के चामलिटी गांव निवासी छोटी मंडल, उसका भाई मेघन मंडल, बेंगाबाद थाना क्षेत्र के किसनीचक गांव निवासी सहदेव मंडल, दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के जोकेला गांव निवासी निरंजन यादव व जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरघा गांव निवासी अजय मंडल शामिल हैं.
देवघर में जामताड़ा के लड़कों को देता था ट्रेनिंग
इन आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल व सिम कार्ड में पूरे भारत के 77 क्राइम लिंक मिले हैं. उन जगहों की पुलिस को सूचित किया जायेगा, ताकि वे आकर अपने थाना में दर्ज कांडों का अनुसंधान कर सकें. साइबर थाना की पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रदीप मंडल वर्ष 2019 में गिरिडीह साइबर थाना कांड संख्या 03/19 में गिरफ्तार होकर जेल गया था. जेल से निकलने के बाद भी उसने साइबर ठगी नहीं छोड़ी. अब कूरियर सर्विस का डेटा खरीदकर नये तरीके से ठगी करता था. जामताड़ा इलाके के लड़कों को देवघर में किराये के कमरे में बुलाकर नये तरीके की ठगी की ट्रेनिंग भी दे रहा था. इसकी पुष्टि उसके पास से बरामद कॉपी से हुई है.
पांच हजार में खरीदता था सौ कूरियर ग्राहकों का डाटा
साइबर थाना की पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपी प्रदीप ने बताया कि दिल्ली की पार्टी से गूगल में एड लगवाता था और 100 कूरियर ग्राहकों का डाटा पांच हजार रुपये में खरीदता था. डाटा आने के बाद ग्राहकों को बारी-बारी से कॉल करता था. इसके लिए दो आई-फोन साथ में उपयोग करता था. सिम बाइंडिंग प्रोसेस से बाईपास कर ग्राहकों का यूपीआई हैक कर लेता था. पहले दिन कुछ नहीं करता था. पांच रुपये एकाउंट से काटकर चेक करता था और 24 घंटे के बाद ग्राहक के एकाउंट से एक लाख रुपये उड़ाता था.
ऐसे करता था नये तरीके से ठगी
साइबर थाना की पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि अन्य साइबर अपराधियों से कूरियर संबंधी डाटा प्राप्त कर ग्राहकों को झांसे में लेकर बैंक डिटेल्स प्राप्त करता था. इसके अलावा गूगल सर्च इंजन पर कूरियर सर्विस कस्टमर हेल्पलाइन एड डालता था. उसमें कोई ग्राहक फोन करता, तो उनका डाटा हैक कर लेता था. इसके अलावा फर्जी कूरियर सर्विस कस्टमर केयर अधिकारी बनकर ग्राहकों को लिंक भेजकर यूपीआइ डिटेल्स हैक करने के बाद ठगी करता था. इसके अलावा कूरियर ट्रैकिंग आइडी बंद होने का झांसा देकर ग्राहकों से डिटेल्स प्राप्त कर यूपीआइ से ठगी कर लेता था. ऐसे ठगी एंड्रॉयड फोन से नहीं हो पाता है, इसलिए एप्पल आई-फोन का इस्तेमाल करता था.
इस तरह बच सकते हैं ठगी से
अगर कोई व्यक्ति कॉल कर अपने को कूरियर ब्वॉय बताता है और लिंक सहित डिटेल्स अपने नंबर पर फॉरवर्ड करने को कहे, तो ऐसा कभी नहीं करें. अज्ञात नंबर के धारक को कोई मैसेज व जानकारी साझा नहीं करें. यूपीआई का एमपिन पैसे भेजने एवं प्राप्त करने में इस्तेमाल नहीं होता. इसे कभी किसे से शेयर नहीं करें.
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