तीन वर्षो में बने महज 22 आवास

देवघर: पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार को आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार की ओर से बिरसा मुंडा आवास योजना शुरू की गयी थी. लेकिन देवघर में विभागीय अनदेखी के कारण इसका वास्तविक लाभ पहाड़िया परिवारों को नहीं मिल रहा है. जिले में पिछले तीन वर्षो में 130 बिरसा मुंडा आवास निर्माण का लक्ष्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2013 10:05 AM

देवघर: पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार को आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार की ओर से बिरसा मुंडा आवास योजना शुरू की गयी थी. लेकिन देवघर में विभागीय अनदेखी के कारण इसका वास्तविक लाभ पहाड़िया परिवारों को नहीं मिल रहा है. जिले में पिछले तीन वर्षो में 130 बिरसा मुंडा आवास निर्माण का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अबतक महज 22 आवास का निर्माण पूरा हो पाया है.

योजना के नाम पर खानापूर्ति
वर्ष 2001 में बिरसा मुंडा आवास योजना की शुरुआत इसलिए की गयी थी कि आदिम जनजाति को संरक्षित किया जा सके. ताकि उनके जीवन-यापन में सुधार लाया जा सके. वहीं देवघर में इस योजना के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. विभाग ने 130 लाभुकों की सूची अवश्य तैयार कर ली है लेकिन इनमें से अधिकांश अब भी आवास के लिए भटक रहे हैं.
22 आवास का ही हुआ निर्माण
वर्ष 2010-11 में सरकार ने देवघर में 130 बिरसा मुंडा आवास निर्माण की स्वीकृति दी जिन्हें अगले तीन वर्षो में पूरा करना था लेकिन विभाग अब तक मात्र 22 आवास ही पूरा करने की बात कर रहा है. हालांकि मामला सामने आने पर हमेशा की तरह विभाग द्वारा जल्द पूरा कर लेने का आश्वासन जरूर दिया जा रहा है.

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