ऐसा समय न आ जाये कि डॉक्टर गंभीर मरीज को देख रेफर करने लगें!

देवघर : सदर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद अक्सर हंगामा देखने को मिलता है. लोगों को भी समझना चाहिये और इलाज करने में डॉक्टर सहित पूरी टीम का सहयोग करें. डॉक्टर को ईश्वर का दूसरा रुप माना जाता है. जान-बूझ कर कोई डॉक्टर अपने मरीज का अनहित नहीं होने देना चाहते हैं. अंतिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 8:07 AM
देवघर : सदर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद अक्सर हंगामा देखने को मिलता है. लोगों को भी समझना चाहिये और इलाज करने में डॉक्टर सहित पूरी टीम का सहयोग करें. डॉक्टर को ईश्वर का दूसरा रुप माना जाता है. जान-बूझ कर कोई डॉक्टर अपने मरीज का अनहित नहीं होने देना चाहते हैं. अंतिम क्षण तक वे लोग भी मरीज को बेहतर करने में लगे रहते हैं.
ऐसे में बात-बात पर हंगामा भी उचित नहीं है. सदर अस्पताल ही एक ऐसा जगह है, जहां लोग कभी भी अपात स्थिति में सहारा लेने पहुंचते हैं. इसलिये ऐसा न हो जाय कि गंभीर मरीज देखने से ही डॉक्टर कतराने लगें. गंभीर मरीजों को देख डॉक्टर पहले ही रेफर करने का न मन बना लें. इसलिये समय रहते देवनगरी के समाजसेवियों समेत बुद्धिजीवियों को इस पर सोचने की जरुरत है और लोगों के प्रति इस मामले को लेकर जागरुकता लाने में आगे आयें.

Next Article

Exit mobile version