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By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 7:43 PM

छठ के नाम पर भिक्षाटन कुछ के लिए आस्था तो कुछ के लिए पेशा देवघर. बस अड्डे हों या रेलवे स्टेशन सार्वजनिक जमावड़े के तकरीबन तमाम स्थलों पर छठ के नाम पर भिक्षाटन करने वालों से अक्सर इन दिनों देवघर के लोगों का सामना हो रहा है. प्रथम अर्घ्य के एक दिन पहले सोमवार को भी शहर के चौक-चौराहों, मोहल्लों में ‘छठी-भिक्षा’ का सिलसिला जारी रहा. वे लोगों के सामने हाथ फैलाते रहे और लोग सकपकाते रहे. लोग सहसा यह तय नहीं कर पा रहे थे कि चेहरे पर आस्था के अपार भाव और डाला-सूप लेकर हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को याचक समझें या छठी मैया का समर्पित भक्त. छठ पर्व से पहले ऐसी स्थिति अन्य शहरों की तरह देवघर में भी लोगों के सामने उपस्थित होती रही. इसमें जहां पेशेवर भिखारी की तादाद ज्यादा रही, वहीं कुछ लोग छठी मैया को रखी मनौती के तहत इस विधान को पूरा करने घर से बाहर निकले. दरअसल,बहुत-से छठ-व्रती छठी मैया से कबूला किये रहते हैं कि वे लोगों से मांग कर अर्ध्य-अनुष्ठान को संपन्न करेंगे. इसलिए ऐसे लोग खुद आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद हर साल मांग कर लाये गये रुपये-पैसे से ही पूजा-सामग्री जुटाते हैं और भगवान भाष्कर को अर्घ्य देकर अपनी आस्था प्रकट करते हैं. सामान्यतया कहीं किसी के सामने नहीं झुकने वाले लोग भी हंसी-खुशी भिक्षाटन करें, यह चमत्कार छठ में ही देखने को मिलता है. हर बार की तरह इस बार भी यह सिलसिला खूब देखने को मिला.

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