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छठ पूजा में लोक गीत का है खास महत्वनित्य दिन उगे ले सूरजदेव भोरे-भिनसरवादेवघर : लोक आस्था का महापर्व छठ में लोक गीतों का खास महत्व है. वैसे तो छठ पूजा में शारदा सिन्हा के गीतों की गूंज देश भर में है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की लोक गीत भी छठ पूजा खास महत्व रखते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2015 10:52 PM

छठ पूजा में लोक गीत का है खास महत्वनित्य दिन उगे ले सूरजदेव भोरे-भिनसरवादेवघर : लोक आस्था का महापर्व छठ में लोक गीतों का खास महत्व है. वैसे तो छठ पूजा में शारदा सिन्हा के गीतों की गूंज देश भर में है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की लोक गीत भी छठ पूजा खास महत्व रखते हैं. इन लोकगीतों का कोई कैसेट तो बाजार उपलब्ध नहीं रहता, लेकिल गांव की महिलाएं अपनी लोकल बोल-चाल की भाषा में मधुर आवाज में गाती है. खोरठा में भी छठ पूजा की गीत गांव की महिलाएं गा रही है. जिस घर में छठ पूजा हो रहा है, वहां महिलाएं ग्रुप में खोरठा में छठ का गीत गा रही है. सर्वाधिक छठ गीत…..नित्य दिन उगे छे सूरजदेव भोरे-भिनसरवा, उठी जा सविता भेले अरघा के बेर….आदि गीतों से पर्व के घर गूंज रहा है. छठ पूजा में हाथी की पूजा की परंपरा है. जिनकी मनोकमना पूरी होती है कोसी भरा जाता है. छठ पूजा में यह परंपरा विद्यमान है.

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