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छठ संपन्न: देहजारों लोगों ने दिया उदयीमान सूर्य को अर्घ्य घाटों पर रहा मेला-सा नजारा फोटो दिनकर में शिवगंगा और रामपुर, सुभाष में डढवा और नंदन तालाब का फोटो रिनेम है -बैंड-बाजे के साथ तालाबों पर पहुंचे कई छठ-व्रती -बुधवार सुबह अंतिम अर्घ्य देते ही छठव्रतियों के पैर छूनेवालों का लगा तांता-विभिन्न समिति के सदस्यों […]
छठ संपन्न: देहजारों लोगों ने दिया उदयीमान सूर्य को अर्घ्य घाटों पर रहा मेला-सा नजारा फोटो दिनकर में शिवगंगा और रामपुर, सुभाष में डढवा और नंदन तालाब का फोटो रिनेम है -बैंड-बाजे के साथ तालाबों पर पहुंचे कई छठ-व्रती -बुधवार सुबह अंतिम अर्घ्य देते ही छठव्रतियों के पैर छूनेवालों का लगा तांता-विभिन्न समिति के सदस्यों ने की जी-जान से सेवा-वीरान रहनेवालों तालाबों में भी रहा मेला सा दृश्य-शिवगंगा, डढवा नदी, रामपुर, नंदन पहाड़ तालाब सहित अधिकांश तालाब के घाटों में रही प्रत्याशित भीड़ संवाददाता, देवघरधार्मिक नगरी देवघर में लोक आस्था का महान पर्व छठ पूजा परंपरागत तरीके से संपन्न हो गयी. इस अवसर पर मंगलवार 17 नवंबर की शाम और बुधवार 18 नवंबर की सुबह शहर के तालाबों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्तों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. भीड़ से शहर के तालाबों में पैर रखना मुश्किल रहा. मंगल दिन के तीन बजते ही अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए भक्त आस-पास के घाटों की ओर निकल पड़े. कई छठ-व्रती बैंड-बाजा, ढोल के साथ घाटों पर पहुंचे. आम दिनों में वीरान रहने वाले तालाबों में भी मेला सा दृश्य रहा.शहर के शिवगंगा, डढवा नदी, रामपुर, नंदन पहाड़ तालाब, नंदन पहाड़ लेक तालाब, माथाबांध, शहीद आश्रम रोड तालाब, बंधा तालाब, छत्तीसी तालाब, जालान पार्क, नौलखा तालाब, हर्दला कुंड तालाब सहित अधिकांश तालाब के घाटों में अप्रत्याशित भीड़ रही. कई भक्तों को आधे घंटे तक अर्घ्य देने के लिए इंतजार करना पड़ा. दूसरे दिन बुधवार की सुबह अंतिम अर्घ्य देते ही छठव्रतियों के पैर छूनेवालों का तांता लग गया. कई महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर भर कर सदा सुहागन की मनौती मांगी. कई लोगों ने छठ पूजा के शुभ तिथि को देखते हुए तालाब के घाटों पर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कर्म कराया. छठ पूजा सेवा समितियों की ओर से तालाबों की साफ-सफाई कर आकर्षक लाइट से सजाया गया था. हर्दला कुंड, नौ लखा तालाब आदि जगहों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें रत जग्गा कर भक्तों ने समय काटा. समिति के सदस्यों ने भक्तों की सेवा में दिन-रात एक कर दी. पर्व के समापन होते ही समिति के सदस्यों ने राहत की सांस ली.