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घर में थी छठ की तैयारी, घाट पहुंचने से पहले मनहुस खबरदेवीपुर: तालाब में डूबकर दो बच्चों की मौतअपने मां-बाप के इकलौते बच्चे थे दोनों मृत बालकदेवीपुर फोटो देवघर. एक तरफ घर में छठ की तैयारी चल रही थी. मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घर से छठ का डाला लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2015 11:17 PM

घर में थी छठ की तैयारी, घाट पहुंचने से पहले मनहुस खबरदेवीपुर: तालाब में डूबकर दो बच्चों की मौतअपने मां-बाप के इकलौते बच्चे थे दोनों मृत बालकदेवीपुर फोटो देवघर. एक तरफ घर में छठ की तैयारी चल रही थी. मंगलवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घर से छठ का डाला लेकर घाट पहुंचने की तैयारी चल रही थी. तभी दो घरों में एक साथ आयी मनहुस खबर ने उत्सवी माहौल में मातम ला दिया. जसीडीह थाना क्षेत्र के मसनजोरा के जालेश्वरनाथ मंदिर स्थित तालाब में डूबकर दो बच्चों की मौत हो गयी. दोनों बच्चों की पहचान देवीपुर थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद निवासी नारायण झा के सात वर्षीय पुत्र परिमल कुमार व दिलीप झा के 16 वर्षीय पुत्र बिट्टू के रूप में हुई. पिता नारायण झा जालेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी हैं. बताया जाता है कि घटना के वक्त पुजारी नारायण झा मंदिर में पूजा कर रहे थे. बच्चों के डूबने की जानकारी मिलने पर घर के अन्य सदस्यों को सूचना दी. लोगों के आने पर डूबे बच्चों को निकाला गया. जहां घायल बच्चों को तुरंत इलाज के देवघर लाया गया. जहां डॉक्टर ने दोनों बच्चों को मृत बताया. इसके बाद बच्चों के शव को हुसैनाबाद स्थित उनके घर लाया गया. बच्चों का शव घर आते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.बिट्टू ने एक बच्चे को डूबने से भी बचायाघटनास्थल पर मौजूद अन्य बच्चों ने बताया कि जब सात वर्षीय परिमल और एक अन्य नौ वर्षीय बच्चा पानी में डूब रहा था तब बिट्टू ने साहस का परिचय दिया. बिट्टू ने एक नौ साल के बच्चे को पानी से बाहर निकाल लिया. परिमल को निकालने वह पानी में उतरा ही था कि वह भी पानी में डूब गया. हो हल्ला होने पर आदमी जुटे, लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी.परिजनों के मना करने पर भी नहीं माने बच्चेपरिजनों के अनुसार जब बच्चे जालेश्वरनाथ मंदिर स्थित तालाब ( शिवगंगा ) में नहाने जाने की बात घर में कही तो परिजनों ने उसे रोका भी. परंतु बच्चों ने जालेश्वरनाथ में मंदिर में पूजा करने की बात बतायी. इसपर परिजनों ने नहीं बोलने से इनकार कर दिया. तालाब के बीचोंबीच था गड्ढाजालेश्वरनाथ मंदिर स्थित तालाब को बीच में मशीन से करीब 15 फीट गड्डा करवाया गया था. ताकि पूजा करने आये भक्त स्नान कर सके. तालाब को शिवगंगा भी कहा जाता है. परिजनों के यहां थे छठ की पूजा

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