????? ????? ????? ??? ????? ???? ???? ?? : ????? ??????
सत्ता हमेशा साधना में विघ्न पैदा करती है : सुधीर महाराजतसवीर है राजीव के फोल्डर में री-नेम प्रतिनिधि, जसीडीह बीएड कॉलेज, जसीडीह परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के सातवें दिन सुधीर जी महाराज ने भरत चरित्र, अरण्य एवं किष्किंधा कांड के विभन्न प्रसंगों को प्रवचन के माध्यम श्रोताओं को जीवन अाधारित ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी. […]
सत्ता हमेशा साधना में विघ्न पैदा करती है : सुधीर महाराजतसवीर है राजीव के फोल्डर में री-नेम प्रतिनिधि, जसीडीह बीएड कॉलेज, जसीडीह परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के सातवें दिन सुधीर जी महाराज ने भरत चरित्र, अरण्य एवं किष्किंधा कांड के विभन्न प्रसंगों को प्रवचन के माध्यम श्रोताओं को जीवन अाधारित ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी. उन्होंने भरत चरित्र प्रसंग की चर्चा कर कहा कि इंद्र सत्ता है व भरत जी साधना हैं. सत्ता हमेशा साधना में विध्न पैदा करती है. भरत जी संत हैं. अपनी मां कैकेयी के षडयंत्र में उसका दोष न देख स्वयं को दोषी मानते हैं. महाराज ने कहा कि संत स्वदोष दर्शन करता है और सांसारिक परदोष दर्शन करता है. वहीं अरण्य कांड की चर्चा कर कहा कि अरण्य कांड त्याग और तपस्या वाला कांड है.