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मुख्यमंत्री के जनसंवाद में टॉल फ्री नंबर पर शिकायतस्कूल ड्रेस वितरण में हो रही अनियमितता जिला प्रशासन व बीइइओ से मांगा गया जांच रिपोर्टस्कूल ड्रेस के लिए बांटे जा रहे पंडाल में लगने वाले कपड़ेबिचौलिये व दलाल सक्रिय, अलग-अलग फॉर्मों के नाम से हो रही कपड़ा आपूर्तिफोटो संख्या-7कैप्सन-आपूर्ति भाउचर जो इलेक्ट्रीक आपूर्ति से संबंधित हैमधुपुर. […]
मुख्यमंत्री के जनसंवाद में टॉल फ्री नंबर पर शिकायतस्कूल ड्रेस वितरण में हो रही अनियमितता जिला प्रशासन व बीइइओ से मांगा गया जांच रिपोर्टस्कूल ड्रेस के लिए बांटे जा रहे पंडाल में लगने वाले कपड़ेबिचौलिये व दलाल सक्रिय, अलग-अलग फॉर्मों के नाम से हो रही कपड़ा आपूर्तिफोटो संख्या-7कैप्सन-आपूर्ति भाउचर जो इलेक्ट्रीक आपूर्ति से संबंधित हैमधुपुर. अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रखंड अंतर्गत सैकड़ों विद्यालय में अलग-अलग प्रतिष्ठानों द्वारा आपूर्ति किये जा रहे स्कूल ड्रेस में करवंचना समेत तरह-तरह के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी ही एक शिकायत मुख्यमंत्री के जनसंवाद केंद्र में टॉल फ्री नंबर पर की गयी है. शिकायत के बाद जिला प्रशासन व बीइइओ से जांच प्रतिवेदन मांगा गया है. शिकायत में कहा गया कि कई प्रतिष्ठान है जिसका वैट या टीन नंबर इलेक्ट्रीक सामान आपूर्ति व बिक्री के लिए पंजीकृत है. लेकिन वे भी स्कूलों में कपड़ा की आपूर्ति कर रहे हैं. तो कई फाॅर्म का वाउचर गलत देकर पांच प्रतिशत टैक्स मारे जाने का आरोप लग रहा है. बताया जाता है कि मधुपुर, करौं, पालोजोरी, मारगोमुंडा व सारठ समेत पूरे जिले में प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये के स्कूल ड्रेस की आपूर्ति हो रही है. इसमें बिचौलिये व दलाल काफी सक्रिय हैं व अलग-अलग फाॅर्मों के नाम से कपड़ा की आपूर्ति कर रहे हैं. आपूर्ति में कई अनुबंध कर्मी की भी संलिप्तता का आरोप लगता रहा है. बताया जाता है कि कक्षा एक से आठ तक के प्रत्येक बच्चों के स्कूल ड्रेस पर सरकार चार सौ रुपया देती है. लेकिन कई जगह रोटो कपड़ा की आपूर्ति कर दी गयी है. जो 280 से 300 रूपये प्रति बच्चे के दर से मिल जाता है. इस कपड़े का उपयोग मुख्यत: पंडाल बनाने के काम में आता है. क्या कहते है बीइइओबीइइओ माया शंकर मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनसंवाद शिकायत कोषांग में ओम इंटरप्राइजेज नामक विद्युत आपूर्ति कर्ता फार्म के द्वारा कपड़े आपूर्ति की शिकायत की गयी है. जिसकी जांच रिपोर्ट मांगी गयी है. एक-दो दिन में कपड़ा आपूर्ति को लेकर सभी वाउचर जिले प्रशासन को भेज दिया जाएगा.