अब घटेगी मातृ-शिशु मृत्यु दर

देवघर: असुरक्षित प्रसव व गर्भपात के कारण काफी संख्या में महिलाओं की मौत होने के साथ ही अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं. इसमें संक्रमण, अति रक्त स्त्रव, बच्च ट्यूब में ब्लॉक होना, बांझपन, अनचाहे गर्भ को रोकने जैसे मामलों को रोकने के लिए चार प्रशिक्षक डॉक्टर व दो एएनएम को एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2013 9:03 AM

देवघर: असुरक्षित प्रसव व गर्भपात के कारण काफी संख्या में महिलाओं की मौत होने के साथ ही अन्य जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं. इसमें संक्रमण, अति रक्त स्त्रव, बच्च ट्यूब में ब्लॉक होना, बांझपन, अनचाहे गर्भ को रोकने जैसे मामलों को रोकने के लिए चार प्रशिक्षक डॉक्टर व दो एएनएम को एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रीगनेंसी) दो दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

दिल्ली के आइपास संस्था की ओर से आये दो डॉक्टर डा विमला उपाध्याय व डॉ अंजलि सोनी प्रशिक्षण दे रही हैं. प्रशिक्षण का नाम ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स ऑफ कंप्रीहेंनसन एबोर्सन केयर (टॉट) दिया गया है. प्रशिक्षण डा सीके साही, डा रंजन सिन्हा, डा निवेदिता, डॉ रेणु सिन्हा तथा एएनएम अलका व सुनीता को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस संबंध में डा सीके साही ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद अन्य जिलों के डॉक्टरों को एमटीपी का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

प्रशिक्षित डॉक्टरों की काफी कमी है. जिसके कारण मातृ मृत्यु दर को रोकने में असफल हो रहे है. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद डॉक्टर जच्च-बच्चा की मौत को रोक सकते है. उन्होंने कहा कि पांच कारणों से गर्भवती की मौत हो रही है. इसमें गर्भधारण करने के बाद किसी भी समय अति रक्त स्त्रव, संक्रमण, बाधित प्रसव, अन सेफ एंड इलीगल ऑबरेशन, इक्लेमसिया के कारण मौत ज्यादा हो रही है.

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