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वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य अधर में, कैसे होगा शिवगंगा निर्मलबीत गये 11 माह, प्लांट निर्माण की प्रगति धीमीफोटो संजीव की- राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है शिवगंगा को निर्मल बनाना- नागपुर के मेसर्स ओजेन रिसर्च एंड एप्लीकेशन (आइ) प्राइवेट लि को मिला है काम- 10 जनवरी 2015 को हुआ था एजेंसी के साथ करार- 10.85 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 11:06 PM

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य अधर में, कैसे होगा शिवगंगा निर्मलबीत गये 11 माह, प्लांट निर्माण की प्रगति धीमीफोटो संजीव की- राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है शिवगंगा को निर्मल बनाना- नागपुर के मेसर्स ओजेन रिसर्च एंड एप्लीकेशन (आइ) प्राइवेट लि को मिला है काम- 10 जनवरी 2015 को हुआ था एजेंसी के साथ करार- 10.85 करोड़ की योजना को 18 माह में करना है पूरा – योजना का पांच वर्ष तक करना है सुपर विजनसंवाददाता, देवघरआस्था का प्रतीक ऐतिहासिक शिवगंगा तालाब को निर्मल बनाना राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. 18 माह में 10.85 करोड़ की लागत से इस योजना को पूरा करने के लिए 10 जनवरी 2015 को मेसर्स ओजेन रिसर्च एंड एप्लीकेशन (आइ) प्राइवेट लिमिटेड इंडिया, नागपुर के साथ करार हुआ. करार के 11 माह बीतने के बाद भी काम में विशेष प्रगति नहीं है. विभागीय सूत्रों की मानें तो एजेंसी को अबतक करीब तीन करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान भी हो चुका है. बाॅयोलॉजिकल कंटेट रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिवगंगा को निर्मल बनाने की योजना को ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार किया था. लेकिन, वर्तमान में हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है.करार के तहत 18 माह का है वक्तकरार के अनुसार शिवगंगा के प्रदूषित जल को निर्मल करने के प्रोजेक्ट को पूरा करने में 12 से 18 माह का वक्त लगेगा. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का सिविल वर्क 12 माह में पूरा कर लिया जायेगा. शेष माह में तकनीकी प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पांच वर्ष तक सुपरविजन किया जायेगा. निर्धारित प्रोजेक्ट के अलावा भाभा रिसर्च सेंटर द्वारा भी करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किया जाना है. योजना कार्यान्वयन समिति में शामिल पदाधिकारीशिवगंगा तालाब की सफाई के लिए योजना कार्यान्वय समिति का गठन किया गया है. योजना कार्यान्वयन समिति में बतौर अध्यक्ष उपायुक्त देवघर हैं. सदस्य सचिव के रूप में नगर निगम देवघर के सीइओ हैं. सदस्य के रूप में निदेशक डीआरडीए देवघर, विद्युत कार्यपालक अभियंता देवघर, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी देवघर, जिला पर्यटन पदाधिकारी देवघर, प्रबंधक बाबा बैद्यनाथ मंदिर देवघर, आणिवक ऊर्जा विभाग के एक वित्तीय प्रतिनिधि, भाभा रिसर्च सेंटर के अलवणीकरण विभाजन के प्रमुख, दो वैज्ञानिक प्रतिनिधि भी शामिल हैं.——————————-शिवगंगा तालाब को निर्मल बनाने के नाम पर पैसों की लूट मची है. फिल्टरेशन प्लांट के कार्य में कोई प्रगति नहीं है. बावजूद एजेंसी को तीन करोड़ रूपये से ज्यादा का भुगतान भी कर दिया गया है. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जो तो कई लोगों का चेहरा बेनकाब हो जायेगा.- नीतू देवीडिप्टी मेयर, नगर निगम देवघर.

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