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तूतरा पहाड़ी में प्रकृति के नैसर्गिक छंटा में लें पिकनिक का आनंदपिकनिक स्पॉट:1फोटो मेल से प्रतिनिधि, सारवां नव वर्ष के आरंभ होने में कुछ ही दिन शेष हैं. नये साल को लेकर सैलानियों का आना आरंभ हो गया है. पिकनिक के लिये देवघर का पंचकोशी क्षेत्र में बसे सारवां के तूतरा पहाड़ी प्रकृति की मनोरम […]
तूतरा पहाड़ी में प्रकृति के नैसर्गिक छंटा में लें पिकनिक का आनंदपिकनिक स्पॉट:1फोटो मेल से प्रतिनिधि, सारवां नव वर्ष के आरंभ होने में कुछ ही दिन शेष हैं. नये साल को लेकर सैलानियों का आना आरंभ हो गया है. पिकनिक के लिये देवघर का पंचकोशी क्षेत्र में बसे सारवां के तूतरा पहाड़ी प्रकृति की मनोरम वादियों में बसे यह यहां का शांत वातावरण व हाथी पर्वत बरबस ही सैलानियों को अपनी ओर आकृष्ट करता है. पहाड़ी पर अवस्थित मां त्रिपुरसुंदरी मंदिर तुतरा पहाड़ी के अलावा जंगल की अनुपम छंटा ही निराली है. यहां माता त्रिपुरसुंदरी का पुराना मंदिर के अलावा शिव पार्वती, मां काली, आदि देव गणेश, राम सीता, राधा कृष्ण हनुमान व बाबा दूबे का मंदिर लोगों को अध्यात्म की दृष्टि से आकर्षित करता है. यहां प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को मां का भव्य श्रृंगार पूजन होता है. बगल में चंद्रकूप है, सैलानियों के आराम के लिये पर्यटन विभाग द्वारा अलग से विश्राम स्थल बनाया गया है. स्वच्छ पेयजल के लिये चापानल लगाया गया है. मंदिर के चारों ओर हरा-भरा जंगल लोगों को मन मोह लेता है.महर्षि महिषानंद एवं मुनि सर्वानंद महाराज की तपस्थली के रूप में यह मंदिर प्रख्यात है. तराई क्षेत्र के 32 गांवों के लोगों ने मंदिर का निर्माण कराया था चैत्र रामनवमी के समय मां की वार्षिक पूजा की जाती है.कैसे पहुंचे उक्त स्थल पर देवघर से सारवां प्रखंड मुख्यालय से तीरनगर पथ किनारे 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उक्त मंदिर पहुंचने के लिये देवघर से आॅटो का आना-जाना लगा रहता है. जो देवघर, पांडेदुकान से सारवां ब्लाॅक मुख्यालय होते हुए तीरनगर पथ के तीन किलोमीटर पर सड़क के किनारे इस मंदिर तक पहुंचने में आधा घंटा लगता है.