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ओके :: आरटीआइ एक्ट है जनता की असली आजादी : हिमांशु सूचना आयुक्त पहुंचे प्रभात खबर कार्यालय, कहाफोटो सुभाष की- अधिकारियों को होने लगा आरटीआई की शक्ति का अहसास- अधिकारी बचने का प्रयास करें तो जागरूक होकर पूछें सवाल- 2005 में जनता को सही मायने में मिली थी आजादी- सोमवार को अधिकारियों को देंगे एक्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 11:58 PM

ओके :: आरटीआइ एक्ट है जनता की असली आजादी : हिमांशु सूचना आयुक्त पहुंचे प्रभात खबर कार्यालय, कहाफोटो सुभाष की- अधिकारियों को होने लगा आरटीआई की शक्ति का अहसास- अधिकारी बचने का प्रयास करें तो जागरूक होकर पूछें सवाल- 2005 में जनता को सही मायने में मिली थी आजादी- सोमवार को अधिकारियों को देंगे एक्ट की जानकारी, जनता करे करेंगे जागरूक – लोकतंत्र में जनता मालिक होता है, सरकार व प्रशासन सेवक संवाददाता, देवघर झारखंड राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि भारत को वर्ष 1947 में आजादी मिली. लेकिन, जनता को सही मायने में आरटीआइ एक्ट लागू होने से आजादी वर्ष 2005 में मिली. इसका लाभ कैसे लें. इसकी सही-सही जानकारी लोगों में नहीं है. आरटीआइ का इस्तेमाल बढ़ जायेगा, लोग जागरूक हो जायेंगे तो जनता सरकार व प्रशासन को यह अहसास दिला पायेगी कि वो सेवक हैं. लोकतंत्र का सही मालिक जनता है. आयोग की शक्ति का अहसास अधिकारियों को नहीं थी. अब धीरे-धीरे अहसास हो रहा है. सूचना आयुक्त शुक्रवार की शाम प्रभात खबर कार्यालय देवघर में थे. उन्होंने कहा कि तमाम जिलों में अधिकारियों को एक्ट की जानकारी देने के साथ-साथ जनता को आइटीआइ के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है. सोमवार को सूचना भवन देवघर में भी कार्यशाला के माध्यम से अधिकारियों को एक्ट के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ जनता को जागरूक किया जायेगा. आरटीआइ में अधिकारी बचने का प्रयास करते हैं. इसलिए जनता को जागरूक होकर सवाल पूछना चाहिए. आरटीआइ एक्ट आपकी सही आजादी है. जनता सब्र न खोएं, उनका अधिकार उन्हें मिलेगा. इसके लिए संघर्ष करना होगा. आरटीआइ का इस्तेमाल आप निजी हित में नहीं कर सार्वजनिक हित में करें. प्रावधान के अनुरूप चलेगा आरटीआइ किसी भी अधिकारियों के इच्छा के अनुरूप नहीं. बल्कि आरटीआइ अपने प्रावधान के अनुरूप चलेगा. प्रावधान के अनुरूप सूचना उपलब्ध नहीं कराने के कारण कई अधिकारियों को फाइन किया गया है. विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की गयी है. अधिकारी कई जगहों पर आवेदनकर्ताओं से भारत का नागरिक होने का प्रमाण पत्र मांगते हैं. यह गलत है. चार हजार आवेदन था लंबितसूचना आयुक्त ने कहा कि मई 2015 में योगदान के वक्त करीब साढ़े चार हजार आवेदन लंबित था. लंबित आवेदन का निष्पादन के साथ-साथ नये आवेदन भी प्राप्त हो रहे हैं. वर्तमान में करीब चार हजार आवेदन लंबित है. इसका निष्पादन भी तेजी से किया जा रहा है. सर्वाधिक आवेदन हजारीबाग एवं चाईबासा से मिलाआरटीआइ के तहत सूचना प्राप्त करने से संबंधित सर्वाधिक आवेदन हजारीबाग एवं चाईबासा से प्राप्त हो रहा है. देवघर जिले की स्थिति ठीक है. लेकिन, यहां भी चुनिंदे लोगों के द्वारा ही ज्यादा आवेदन लगाया जा रहा है.

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