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सोमवार को आये 67 कॉल्स, किसी मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस की सेवा

सोमवार को जीवीके इएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के तहत संचालित 108 एंबुलेंस सेवा के चालकों और एमटी ने वेतन की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी, जिससे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2024 9:26 PM
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संवाददाता, देवघर. सोमवार को जीवीके इएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के तहत संचालित 108 एंबुलेंस सेवा के चालकों और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (एमटी) ने वेतन की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी, जिससे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी. जिले में एक भी मरीज को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई गंभीर मरीजों को खुद अपने साधनों से अस्पताल पहुंचना पड़ा, जबकि कुछ ने निजी एंबुलेंस का सहारा लिया. विशेष रूप से उन मरीजों को कठिनाई हुई जिन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था, क्योंकि उन्हें तुरंत एंबुलेंस की आवश्यकता थी. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में 108 एंबुलेंस सेवा के तहत कुल 24 एंबुलेंस संचालित हैं, जो प्रतिदिन औसतन दो से तीन कॉल्स पर मरीजों की सेवा करती हैं. सोमवार को कुल 67 कॉल्स आयीं, लेकिन किसी को भी 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी. यहां तक कि सदर अस्पताल से पांच मरीजों को रेफर किया गया, जिन्हें निजी एंबुलेंस से धनबाद और रांची जाना पड़ा. इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ा, जिन्हें अधिक पैसे खर्च करने पड़े और मानसिक एवं शारीरिक रूप से परेशानी झेलनी पड़ी. नौ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल 108 एंबुलेंस सेवा के सभी कर्मचारी, जिनमें चालक और एमटी शामिल हैं, पिछले एक महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर चले गये हैं. इसके अलावा, पिछली कंपनी से भी दो महीने का वेतन बकाया है. इन कर्मचारियों ने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम, उपायुक्त और सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा है. सभी हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि पिछले एक महीने से वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कंपनी का टेंडर अगस्त में समाप्त हो गया है, और हर साल नई कंपनी का टेंडर लेने की प्रक्रिया की वजह से वेतन में देरी होती है. इस बार भी उन्हें अंतिम महीने का वेतन नहीं मिला है, जबकि पिछले साल की कंपनी ने भी दो महीने का वेतन नहीं दिया था. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने मांग की है कि उनकी सेवाओं को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत स्थायी किया जाए और उन्हें नियमित वेतन दिया जाये. उन्होंने कहा कि वे 24 घंटे की सेवा देते हैं, लेकिन अल्प वेतन और वेतन की अनियमितता के कारण उनका जीवन यापन कठिन हो गया है. स्कूल की फीस, घर के खर्च और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करना मुश्किल हो गया है. कर्मचारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी. इस मौके पर मुकेश पंडित, राजेश पंडित, संतोष पंडित, मिथुन दास, अभय कुमार, राहीत कुमार, सुमित कुमार समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित थे. ——————————————- बकाया वेतन की मांग को लेकर 108 एंबुलेंस के चालक गये हड़ताल पर अपने साधनों व निजी एंबुलेंस लेकर अस्पताल पहुंचे लोग हायर सेंटर रेफर किये गये मरीजों को हुई अधिक परेशानी

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