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लाखों की दवा फेंक कर लगा दी आग- कुंडा थानांतर्गत बाइपास ठाढ़ी रोड स्थित मंदिर के पीछे हथगढ़ मैदान के किनारे झाड़ी में फेंकी गयी लाखों की दवा-फेंकी गयी दवाईयों में एंजाइम सिरप समेत जीवनरक्षक इंजेक्शन, टेबलेट, दर्द की मरहम आदि-बेखबर है स्वास्थ्य विभाग समेत पुलिस-प्रशासन-गरीबों को बांट दी गयी होती तो कितने को होता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 12:52 AM

लाखों की दवा फेंक कर लगा दी आग- कुंडा थानांतर्गत बाइपास ठाढ़ी रोड स्थित मंदिर के पीछे हथगढ़ मैदान के किनारे झाड़ी में फेंकी गयी लाखों की दवा-फेंकी गयी दवाईयों में एंजाइम सिरप समेत जीवनरक्षक इंजेक्शन, टेबलेट, दर्द की मरहम आदि-बेखबर है स्वास्थ्य विभाग समेत पुलिस-प्रशासन-गरीबों को बांट दी गयी होती तो कितने को होता स्वास्थ्य लाभ- आरडीडीएच ने कहा : नहीं जलाना चाहिये दवा, अगर एक्सपायर हो तो विभाग के आदेश के बाद कर सकते हैं डिस्ट्रॉय- जांच कर कार्रवाई कराने का दिया भरोसासंवाददाता, देवघरकुंडा थानांतर्गत ठाढ़ी दुलमपुर बायपास रोड हथगढ़ मैदान के समीप झाड़ी में लाखों की दवा फेंक कर आग लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. हालांकि इस पूरे प्रकरण से देवघर स्वास्थ्य महकमा समेत पुलिस-प्रशासन अनभिज्ञ है. अब तक इस मामले की किसी को भनक तक नहीं है. स्थानीय एक व्यक्ति द्वारा गुप्त सूचना पाकर प्रभात खबर की टीम वहां पहुंची और जल रही दवाओं का तसवीर उतार लाया. जानकारी हो कि फेंकी गयी दवाइयों में एंजाइम सिरप समेत कई एंटीबायोटिक, दर्द निवारक टेबलेट, जेल, इंजेक्शन, प्रोटीन पाउडर, कंडोम आदि शामिल हैं. इंजेक्शन व सिरप की बोतल आग से जब ब्लास्ट हो रहा था तब उस होकर गुजर रहे किसी व्यक्ति ने देखा. इसके बाद ही आसपास के लोगों को मामले की जानकारी लगी. देखने से उक्त दवाइयां एक्सपायर लग रही थी. हालांकि जल रही दवाइयों को देखने से लगा कि अधिकांश 2014 व 2015 में एक्सपायर लग रही थी. स्वास्थ्य जानकारों की मानें तो अगर किसी प्राइवेट क्लिनिक व मेडिकल दुकानों में भी दवाइयां एक्सपायर हो जाये तो उसे जलाने का नियम नहीं है. एक्सपायर दवाओं का अलग बंच बना कर रखना चाहिये और विभाग को रिपोर्ट करना चाहिये. विभागीय निर्देश के तहत ही उसे निपटाया जाना चाहिये. बहरहाल जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि फेंकी गयी दवाइयां सरकारी हैं या गैर सरकारी. बावजूद अगर इतनी मात्रा की दवाइयां एक्सपायर होने के पूर्व ही अगर गरीब मरीजों के बीच बांटी गयी होती तो कितने लोगों को स्वास्थ्य लाभ हो सकता था. इस संबंध में पुछे जाने पर सिविल सर्जन डॉक्टर एसएन तिवारी ने ऐसी जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की है.आरडीडीएच ने कहाअगर दवा फेंक कर आग लगायी गयी है तो गलत है. पूरे मामले की जांच करायेंगे और कार्रवाई करेंगे. एक्सपायर दवा की रिपोर्ट विभाग को करना है. उसे जलाना नहीं है. अलग बंच बना कर तब तक रखना है जब तक स्वास्थ्य विभाग का उस संबंध में निर्देश प्राप्त नहीं हो जाये. विभाग के निर्देश के उपरांत ही एक्सपायरी दवाइयों को नष्ट करना चाहिए.डॉ रमेश प्रसाद, आरडीडीएच, संताल परगना प्रमंडल

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