सरदार पंडा के वंशजों ने लगाया साक्ष्य मिटाने का आरोप
देवघर: सरदार पंडा से संबंधित कागजातों को बोर्ड एक-एक कर नष्ट करने पर तुला है. इसे देखनेवाला कोई नहीं है. यह आराेप सच्चिदानंद झा, उदयानंद झा व विजयानंद झा आदि सरदार पंडा के वंशजों ने सामूहिक रूप से मंदिर प्रबंधन बोर्ड पर लगाया है. इन लोगों ने कहा कि पाठक धर्मशाला तोड़ा जा रहा है. […]
देवघर: सरदार पंडा से संबंधित कागजातों को बोर्ड एक-एक कर नष्ट करने पर तुला है. इसे देखनेवाला कोई नहीं है. यह आराेप सच्चिदानंद झा, उदयानंद झा व विजयानंद झा आदि सरदार पंडा के वंशजों ने सामूहिक रूप से मंदिर प्रबंधन बोर्ड पर लगाया है. इन लोगों ने कहा कि पाठक धर्मशाला तोड़ा जा रहा है. इसमें कई कागजातों के नीचे सरदार पंडा भवप्रीता नंद के हस्ताक्षर भी हैं. इसमें जमीन के लगान आदि से संबंधित कागज हैं. इसे ट्रैक्टर से हटाया जा रहा है. इसे देखने के लिए मंदिर की ओर से कोई नहीं है. कागज की आवश्यकता को बिना जांच किये ही ट्रैक्टर से फेंका जा रहा है.
कहते हैं वंशज
सच्चिदानंद झा ने कहा कि मंदिर स्टेट व सरदार पंडा भवप्रीतानंद नाम लिखा कागज पाठक धर्मशाला के मलवे से निकल रहे हैं. यह सब जगह फेंका पड़ा है. इस पर मजदूरों के पैर लग रहे हैं. वह चढ़कर आर-पार हो रहे हैं. यह आस्था के साथ खिलवाड़ है. पाठक धर्मशाला में कागजों के मिलने की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
उदयानंद झा ने कहा कि मंदिर स्टेट लिखित कागज का यत्र-तत्र मिलना चिंता का विषय है. इसके लिए पूर्णरूपेण मंदिर प्रबंधक कागज को सुरक्षित रखना उनकी जवाबदेही है. फिर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
विजयानंद झा ने कहा कि सरदार पंडा का मामला कोर्ट में चल रहा है. सरदार पंडा के अस्तित्व को खत्म किया जा रहा है. पहले सरदार पंडा के निजी आवास को तोड़कर नष्ट किया. अब संबंधित कागज को बिना जांच किए धर्मशाला के मलवा के नाम पर फेंका जा रहा है. इसे एक रणनीति के तहत धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है.
क्या कहते हैं मंदिर प्रभारी
विंदेश्वरी झा ने कहा कि धर्मशाला में कोई काम का कागज नहीं है. सब फालतू कागज है. इसलिए हटाया जा रहा है. जरूरी कागज सब सुरक्षित है.