प्राथमिकी में जिक्र है कि उक्त जमीन का कुल रकवा 24 कट्ठा(रोहिणी स्टेट) जो बिहार राज्य पथ परिवहन निगम देवघर के नाम से रजिस्टर-2 में दर्ज है. दोनों नामजद के सह पर 21 दिसंबर की घटना होने के बाद पुन: तीन जनवरी को ताला तोड़ कर अंदर के क्षेत्र में चाहरदीवारी (बाउंड्रीवाल) कराया गया. यह भी जिक्र है कि डीड संख्या 2166 दुर्गा प्रसाद मुखर्जी से 1973 में खरीद की गयी है.
इन आरोपितों द्वारा जिन कागजाताें के आधार पर अपना दावा करते हैं वह तत्कालीन उपायुक्त द्वारा गठित समिति भी अपने जांच प्रतिवेदन में फर्जी व जाली माना है. तथा अंचल अधिकारी देवघर ने भी अपने प्रतिवेदन में जाली प्रमाणित किया है. इन दबंग आरोपितों पर सुसंगत धाराओं के तहत डीटीओ ने थाना प्रभारी से प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इस संबंध में नगर थाना कांड संख्या 07/16 भादवि की धारा 447,427,379 व 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस पड़ताल में जुटी है.
पूछे जाने पर नगर थाना प्रभारी एसके महतो ने बताया कि डीटीअो प्रेमलता मुर्मू की लिखित शिकायत पर साहेबपोखर रोड निवासी राकेश रंजन सिन्हा उर्फ राजू सिन्हा व सलौनाटांड़ निवासी उमेश कुमार गुप्ता को आरोपित बनाते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया गया है.