यह अब तक बंद है. यहां तक कि 26 जनवरी को भी पार्क नहीं खोला गया. 26 जनवरी को अप्रत्याशित भीड़ लग गयी थी. बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों के साथ मनोरंजन करने पार्क आये. लेकिन मुख्य दरबाजा में ताला लगा रहा. इससे पर्यटक मायूष होकर गेट से लौट गये. निविदा नहीं हो सकी है. जनवरी माह के 07 और 15 को दो बार निविदा की तिथि निकाली गयी. डाक की न्यूनतम राशि पांच लाख होने से कोई संवेदक आगे नहीं आया. सब निगम कार्यालय का चक्कर लगा कर लौट गये. इससे अब तक पार्क नहीं खुल सका है. दूर-दूर से लोग खर्च करके पार्क आ रहे हैं. ताला बंद देख लौट रहे हैं.
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जलसार चिल्ड्रेन पार्क : उदघाटन के 28 दिन बाद भी लटक रहा ताला
देवघर: जलसार पार्क सज-धज कर तैयार हो चुका है. इसे 78 लाख की लागत से सुंदर रूप दिया गया है. इसका उदघाटन एक जनवरी को सांसद निशिकांत दुबे, डीसी अरवा राज कमल, सीइओ अवधेश पांडेय, पूर्व मेयर राज नारायण खवाड़े सहित आधा दर्जन लोगों ने धूमधाम से किया था. इसके दूसरे दिन ही बंद कर […]
देवघर: जलसार पार्क सज-धज कर तैयार हो चुका है. इसे 78 लाख की लागत से सुंदर रूप दिया गया है. इसका उदघाटन एक जनवरी को सांसद निशिकांत दुबे, डीसी अरवा राज कमल, सीइओ अवधेश पांडेय, पूर्व मेयर राज नारायण खवाड़े सहित आधा दर्जन लोगों ने धूमधाम से किया था. इसके दूसरे दिन ही बंद कर दिया गया.
78 लाख में हुआ है सौंदर्यीकरण
पार्क को सुंदर रूप से सजाया गया है. सौंदर्यीकरण पर 78 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. जगह-जगह बच्चों के लिए झूले लगवाये गये हैं. बैठने के लिए पार्क के बीचोबीच कुर्सीनुमा ढांचे बनाये गये हैं, जो दूर से अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
मात्र 51 हजार में लिया था हरि शंकर चौबे ने
2009 में हरि शंकर चौबे ने पांच साल के लिए प्रति वर्ष पांच प्रतिशत की वृद्धि से 51 हजार में पार्क लिया था. सितंबर 2014 में एकरारनामा खत्म हो चुका है. इसके बाद से पार्क उपेक्षित हो रहा है. पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है.
घोषणा पर नहीं हुआ अमल
उदघाटन के दिन सांसद निशिकांत दुबे, डीसी अरवा राजकमल, सीइओ अवधेश पांडेय, पूर्व मेयर राज नारायण खवाड़े ने सामूहिक रूप से साल के पांच दिन नि:शुल्क प्रवेश की घोषणा की थी. इसमें एक जनवरी, 26 जनवरी, 15 अगस्त, गांधी जयंती व अंबेडकर जयंती मुख्य रूप से शामिल है. 26 जनवरी को ही घोषणा हवा-हवाई साबित हुई.
अब तक नहीं हुआ ओपेन डाक
दो बार निविदा निकाली गयी. न्यूनतम निविदा राशि 5 लाख रुपये होने से किसी ने निविदा में हिस्सा नहीं लिया. अब संवेदक ओपेन डाक का इंतजार कर रहे हैं. इसकी तिथि अब तक तय नहीं हुई है. हालांकि लोगों के बीच चर्चा है कि किसी आरएस ग्रुप को तीन लाख में पार्क दे दिया गया है.
निगम को हो रहा आर्थिक नुकसान
पार्क में घूमने के लिए तीन रुपये का प्रवेश शुल्क रखा गया था. लेकिन पहले के एकरारनामा खत्म होने के बाद से आम लोगों के पार्क के अंदर प्रवेश करने पर रोक लगा दी गयी है. इससे निगम को प्रतिदिन काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है.
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