देवघर के नन-बैंकिंग में लोगों का 100 करोड़ फंसा

देवघर: संतालपरगना में नन बैंकिंग का घना जाल फैला है. इस जाल में यहां के गरीब जनता की गाढ़ी कमाई फंसी है. पूरे संतालपरगना की बात करें तो यहां तकरीबन 140 नन बैंकिंग कंपनियों के कार्यालयों में छापेमारी हुई. 111 कार्यालयों को सील किया गया. इनमें से 58 कंपनियां देवघर की है. इन कंपनियों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2016 8:10 AM
देवघर: संतालपरगना में नन बैंकिंग का घना जाल फैला है. इस जाल में यहां के गरीब जनता की गाढ़ी कमाई फंसी है. पूरे संतालपरगना की बात करें तो यहां तकरीबन 140 नन बैंकिंग कंपनियों के कार्यालयों में छापेमारी हुई. 111 कार्यालयों को सील किया गया. इनमें से 58 कंपनियां देवघर की है. इन कंपनियों के पास संतालपरगना का तकरीबन नौ सौ करोड़ जमा है. सिर्फ देवघर में इन कंपनियों ने लगभग 100 करोड़ का कारोबार किया है.
क्या है नन बैंकिंग कंपनियों पर आरोप : एफआइआर के अनुसार, इन सभी कंपनियाें पर अवैध रूप से लोगों से लोक जमा स्वीकार करने का आरोप है. ये कंपनियां रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट (193 नं-2 ऑफ 1934) की धारा 58बी, द सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) एक्ट 1992 (एक्ट न-15 ऑफ 1992) की धारा 15(ए), 15(सी), 15(डी), 15(इ), 15(एफ), 15(जी), 15(एच), 15(एचए), 15(एचबी), द कंपनी एक्ट 1956 की धारा 59, द प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 8 एवं 10, प्रीवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 4 के उल्लंघन के दोषी हैं. इन संस्थाओं के लोगों ने झूठे प्रलोभनों व षड्यंत्र कर तथा गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर अवैध वसूली की है.

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