दो घंटे तक किया बाइपास जाम
देवघर: संत फ्रांसिस स्कूल के छात्र समीर शिवम की मौत से आक्रोशित लोगों ने सोमवार को बाइपास रोड में पुरनदाहा दुर्गा मंडप के पास करीब दो घंटे तक सड़क जाम कर दिया. इससे आवागमन बाधित हो गया तथा आने-जाने वालों को काफी परेशानी हुई. आक्रोशित लोग सड़क पर बांस बल्ला लगा कर व टायर जला […]
देवघर: संत फ्रांसिस स्कूल के छात्र समीर शिवम की मौत से आक्रोशित लोगों ने सोमवार को बाइपास रोड में पुरनदाहा दुर्गा मंडप के पास करीब दो घंटे तक सड़क जाम कर दिया. इससे आवागमन बाधित हो गया तथा आने-जाने वालों को काफी परेशानी हुई. आक्रोशित लोग सड़क पर बांस बल्ला लगा कर व टायर जला कर विरोध प्रदर्शित कर रहे थे.
उनका कहना था कि घटनास्थल के समीप तीखा मोड़ है. प्रशासन द्वारा उक्त स्थल पर कोई डिसप्ले बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से उक्त स्थल पर डिसप्ले बोर्ड लगाने तथा बाजला चौक से शंख मोड़, सत्संग चौक तक चार डिवाइडर बनाने की मांग की गयी. इस संबंध में एक पत्र भी जाम छुड़ाने पहुंचे अधिकारियों को सौंपा गया. जाम की सूचना पाकर एसडीओ जय ज्योति सामंता, बीडीओ प्यारेलाल, नगर इंस्पेक्टर अजय सिंह, थाना प्रभारी बिरजु गंझू, एएसआइ वीरेंद्र सिंह व श्री राम सशस्त्र बलों के साथ पहुंचे. लोगों को समझा कर जाम हटाया. मौके पर एसडीओ ने कहा कि रविवार की घटना को लेकर डॉक्टर पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी है. वहीं लोगों द्वारा दिये आवेदन पर अनुशंसा कर संबंधित विभाग को बोर्ड लगाने व डिवाइडर निर्माण के लिए भेजा जायेगा.
छात्र भी शोक जताने पहुंचे समीर के घर : घटना की जानकारी होते ही सोमवार सुबह शोक जताने संत फ्रांसिस स्कूल के 10वीं कक्षा के दर्जनों छात्र समीर के घर पहुंचे. दोस्त की लाश देख छात्रों के आंखों से आंसू छलक रहे थे. मौके पर कई अभिभावक भी शोक जताने उसके घर पहुंचे.
परिजनों ने नहीं कराया पोस्टमार्टम : परिजनों ने समीर के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया. इस बात को लेकर थाना प्रभारी बिरजु गंझू व बीडीओ प्यारेलाल से मृतक के चाचा रमेश कुमार उलझ भी गये. दोनों पक्षों के बीच कहा-सुनी भी हुई. वहां मौजूद लोगों ने दोनों पक्षों को समझा कर स्थिति संभाला. इस संबंध में पिता मिथिलेश कुमार ने एक लिखित आवेदन थाना प्रभारी को दिया. इसमें जिक्र है कि 22 दिसंबर को टू-व्हीलर असंतुलित हो गया, जिसमें सड़क पर गिर कर समीर को गंभीर चोट लगी थी. स्थानीय लोगों द्वारा अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. किसी का कोई दोष नहीं है. कोई आपत्ति नहीं है, उसके शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराना है.