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तहकीकात की कड़ी . पुलिस खंगाल रही है एक वरीय शिक्षा पदाधिकारी का कॉल डिटेल्स

बेनकाब नहीं हुआ नकाब के पीछे छिपा चेहरा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय प्रकरण पथरगामा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय प्रकरण में अब तक नकाब के पीछे छिपे चेहरे को पुलिस बेनकाब नहीं कर पायी है. देवघर : लोगों के बीच चर्चा का विषय बनता जा रहा है कि मामले में जिस तत्परता से गोड्डा पुलिस […]

बेनकाब नहीं हुआ नकाब के पीछे छिपा चेहरा

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय प्रकरण
पथरगामा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय प्रकरण में अब तक नकाब के पीछे छिपे चेहरे को पुलिस बेनकाब नहीं कर पायी है.
देवघर : लोगों के बीच चर्चा का विषय बनता जा रहा है कि मामले में जिस तत्परता से गोड्डा पुलिस ने वार्डन और शिक्षिका को गिरफ्तार किया, उसी तत्परता से नकाब में छिपे सफेदपोश की खोज क्यों नहीं कर रही है. क्योंकि पीड़ित छात्रा के बयान और गोड्डा नगर थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार दोनों वार्डन के अलावा नकाबपोश का भी जिक्र है, जिसके पास उसे ले जाया जाता था. यही नहीं नकाबपोश द्वारा उसके साथ दुष्कर्म करने का भी उल्लेख एफआइआर में है.
इसलिए पुलिस के लिए इस नकाबधारी को खोजना चुनौती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह सच है तो कथित नकाबपोश ही इस केस की अहम कड़ी होगा, जो इस सनसनीखेज मामले से परदा उठाने में पुलिस के लिए कारगर होगा.
वार्डन व शिक्षिका तो गिरफ्तार हुई पर नकाबपोश कौन?
खंगाला जा रहा है सीडीआर
उधर, गोड्डा पुलिस का दावा है कि जल्द ही मामले से परदा उठ जायेगा. पुलिस कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय प्रकरण में अन्य संदिग्ध लोगों के साथ – साथ शिक्षा विभाग के एक वरीय अधिकारी के भी सीडीआर (कॉल डिटेल्स रिपोर्ट) खंगाला जा रहा है. इससे कुछ अहम सुराग मिलने के आसार हैं. लेकिन यह मामला इतना हाइप्रोफाइल हो गया है
कि पुलिस साफ-साफ कुछ भी कहने से बच रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मामले में सोशल मीडिया, व्हाटसएप, मैसेजिंग आदि के जरिए होने वाली कुछ बातचीत की भी पड़ताल कर रही है. केस की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस कड़ी दर कड़ी जोड़ने का प्रयास कर रही है.
उच्च स्तरीय जांच की मांग ठंडे बस्ते में, कई दलों व संघों ने उठायी है मांग
मामले में शुरू से ही लगभग सभी संगठन, जनप्रतिनिधि उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. राज्य के मंत्रियों ने तो जांच का भरोसा भी दिलाया. लेकिन, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उच्चस्तरीय जांच की मांग फिलहाल तो ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. उच्चस्तरीय जांच की मांग करने वालों में झारखंड राज्य कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कर्मी संघ प्रदेश इकाई, प्रखंड कस्तूरबा गांधी कर्मी, शिक्षक संघों, छात्र नेता आदि शामिल हैं. हर कोई चाहता है कि इतने संगीन मामले के पीछे की सच्चाई सामने आये. दोषी जो भी हो उसे सजा मिले. निर्दोष नहीं फंसे और पीड़िता को न्याय मिले.

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