अब प्राइवेट स्कूलों में एससी, एसटी, बीसी व अल्पसंख्यक कोटि के बच्चों का होगा दाखिला
देवघर : नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अब गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा में अब न सिर्फ कमजोर वर्ग बल्कि अभिवंचित समूह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय, 40 फीसदी से अधिक नि:शक्ततायुक्त एवं अनाथ बच्चों का दाखिला सुनिश्चित है. अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों […]
देवघर : नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अब गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में प्रवेश कक्षा में अब न सिर्फ कमजोर वर्ग बल्कि अभिवंचित समूह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय, 40 फीसदी से अधिक नि:शक्ततायुक्त एवं अनाथ बच्चों का दाखिला सुनिश्चित है.
अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन में प्राथमिकता वैसे बच्चों को दी जायेगी, जिन परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय 72 हजार रुपये कम हो. अधिनियम के तहत गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में प्रवेश की सुविधा पड़ोस के अभिवंचित समूह और कमजाेर वर्ग के बच्चों को है. पड़ाेस से मतलब स्कूल के एक किलोमीटर दूरी सीमा के अधीन निवास करने वाले बच्चों से है. यदि निर्धारित सीमा दूरी में पर्याप्त बच्चे नहीं हैं तो स्कूल के विस्तारित सीमा अर्थात तीन किलोमीटर की दूरी सीमा में निवास करने वाले बच्चों का दाखिला सुनिश्चित किया जायेगा. बावजूद निर्धारित 25 फीसदी सीटें खाली रह जाती है तो छह किलोमीटर की दूरी में निवास करने वाले बच्चों का नामांकन किया जायेगा.
बच्चों के दाखिले के लिए पालक या अभिभावकों को देना होगा प्रमाण
स्कूलों के निर्धारित सीमा दूरी में निवासी करने वाले बच्चों के दाखिले के लिए पालकों-अभिभावकों को तय प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा. पालकों-अभिभावकों को आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, ग्रामीण क्षेत्र का मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल इसमें से किसी एक का प्रमाण देना होगा. इसमें निवास का पता अंकित होना चाहिए.
नर्सरी व एलकेजी में दाखिले के लिए आयु निर्धारित
नर्सरी/एलकेजी में नामांकन के लिए न्यूनतम उम्र सीमा तीन वर्ष छह माह से अधिक एवं अधिकतम चार वर्ष छह माह से कम होना चाहिए. कक्षा एक में नामांकन के लिए उम्र सीमा उम्र सीमा पांच वर्ष छह माह से अधिक एवं सात वर्ष से कम होना चाहिए.
आवेदन अधिक होने पर लाॅटरी सिस्टम से होगा चयन
अधिनियम के तहत विद्यालय में प्रवेश के लिए किसी प्रकार का स्क्रीनिंग वर्जित है. प्राप्त आवेदन से रैंडम सिस्टम से बच्चों का प्रवेश लिया जायेगा. यदि निर्धारित सीट से ज्यादा आवेदन प्राप्त होता है तो लॉटरी द्वारा नाम निकाल कर बच्चों का चयन किया जायेगा. लाॅटरी के लिए पालकों एवं अभिभावकों को पूर्व में ही सूचना देना होगा. जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा निर्धारित तिथि को प्रत्येक विद्यालय में पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर उनके उपस्थिति में ही लॉटरी से नाम निकाला जायेगा.