न यंत्र लगा, न हो रही मिट्टी की जांच
जसीडीह : देवघर प्रखंड कार्यालय परिसर में बनी मिट्टी जांच प्रयोगशाला शोभा की वस्तु बनी हुई है. तत्कालीन कृषि मंत्री बन्ना गुप्ता को अंधेरे में रखकर देवघर प्रखंड के पास बनी प्रयोगशाला का उदघाटन करवा लिया गया. लेकिन, उदघाटन के बाद से वह बंद पड़ा हुआ है. आश्चर्य की बात तो यह है कि इस […]
जसीडीह : देवघर प्रखंड कार्यालय परिसर में बनी मिट्टी जांच प्रयोगशाला शोभा की वस्तु बनी हुई है. तत्कालीन कृषि मंत्री बन्ना गुप्ता को अंधेरे में रखकर देवघर प्रखंड के पास बनी प्रयोगशाला का उदघाटन करवा लिया गया. लेकिन, उदघाटन के बाद से वह बंद पड़ा हुआ है. आश्चर्य की बात तो यह है कि इस प्रयोगशाला में अभी तक मिट्टी जांच का कोई भी संयंत्र ही नहीं लगा है. एक दिन भी मिट्टी की जांच नहीं हुई. जबकि झारखंड सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए यह प्रयोगशाला बनवायी है.
किसानों की उम्मीद पर अफसरों ने पानी फेरा
किसानों को उम्मीद थी कि क्षेत्र की हजारों हेक्टेयर उपजाऊ भूमि को कृषि योग बनाने के लिए मिट्टी जांच करायी जायेगी जिससे किसान अधिक से अधिक खेती कर उपज कर सकेंगे. लेकिन किसानों की उम्मीदों पर विभाग ने पानी फेर दिया. किसान आज भी मिट्टी जांच के लिए बाहरी लैब यानी रांची का सहारा ले रहे हैं.
केवीके सुजानी में है मिट्टी जांच की सुविधा
देवघर जिले में मिट्टी जांच की सुविधा सिर्फ कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी में है. लेकिन वह कारगर नहीं है. क्योंकि अधिकांश किसानों को यह पता भी नहीं है सुजानी में मिट्टी जांच होती है. कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी के समन्वयक पीके सनिग्रही ने बताया कि यहां मिट्टी जांच की सुविधा है. अभी जिला कृषि विभाग से 1500 सैंपल मिट्टी जांच के लिए आया है. सारी जांच की प्रक्रिया यहीं होती है. एक सप्ताह में हम लोग किसान को मिट्टी जांच की रिपोर्ट दे देते हैं.