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शवदाह के लिए भी मयस्सर नहीं लकड़ी

देवघर : देवघर श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए लकड़ी की किल्लत है. यह बात और है कि जिले के जंगलों में पेड़ों की कटाई लगातार जारी है. पुलिस और वन विभाग ग्रामीणों पर सख्ती बरतते हैं. इसलिए आम ग्रामीणों को जलावन के लिए भी लकड़ी नहीं मिलती, लेकिन दूसरी ओर लकड़ी माफियाओं का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2016 9:07 AM
देवघर : देवघर श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए लकड़ी की किल्लत है. यह बात और है कि जिले के जंगलों में पेड़ों की कटाई लगातार जारी है. पुलिस और वन विभाग ग्रामीणों पर सख्ती बरतते हैं. इसलिए आम ग्रामीणों को जलावन के लिए भी लकड़ी नहीं मिलती, लेकिन दूसरी ओर लकड़ी माफियाओं का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है.

देवघर के जंगलों से काटी गयी लकड़ी बिहार व बंगाल तक पहुंचायी जा रही है. जिले के गांव व कस्बों में अवैध आरा मिलों का संचालन बेरोकटोक हो रहा है. पुलिस व वन विभाग आइवाश के लिए जलावन की लकड़ी काटने वाले आम ग्रामीणों के खिलाफ अक्सर धर-पकड़ अभियान चलाते हैं, लेकिन अवैध आरा मिल से वे साधारणतया बेखबर ही रहते हैं.

श्मशान घाट तक नहीं आ रही लकड़ी
नगर निगम के तहत देवघर श्मशान घाट में लकड़ी बिक्री केंद्र खुला है. केंद्र के संचालक उमाशंकर मठपति ने बताया कि पिछले छह माह से लकड़ी का अभाव हो गया है. ठेला व रिक्शा वाला भी अब जलावन लकड़ी गांव से लाने में डरते हैं. पहले खुद बिक्री केंद्र तक लकड़ी पहुंचा दिया जाता था, अब तो लकड़ी ढूंढने के लिए गांव जाना पड़ता है. बावजूद जलावन लकड़ी लाने में परेशानी हो रही है.
अब तक नहीं बना विद्युत शवदाह गृह
देवघर के श्मशान घाट में विद्युत शवदाह गृह नहीं है. इसलिए लाश के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी ही एक मात्र विकल्प है.

विद्युत शवदाह गृह बनाने की कई बार घोषणा की गयी, लेकिन विद्युत शवदाह गृह नहीं बन पाया. इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया.
जल्द बनेगा विद्युत शवदाह गृह: सीइओ
नगर निगम के सीइओ एके पांडेय का कहना है कि देवघर श्मशान घाट में जल्द ही विद्युत शवदाह गृह बन कर तैयार होने वाला है. 30 अप्रैल को प्रोजेक्टर से दिखाया गया था. इसका डीपीआर बनने के लिए दिया गया है. डीपीआर के तैयार होते ही अग्रेतर कार्रवाई शुरू हो जायेगी व टेंडर निकाल दिया जायेगा.
वन विभाग सहयोग को तैयार : डीएफओ
वन विभाग के डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने कहा कि जलावन की लकड़ी जब्त करने का कोई प्रावधान भी नहीं है. पुलिस भी इसे जब्त नहीं कर सकती, केवल कागजी प्रक्रिया कर छोड़ देना है. वैसे भी अगर जिले में शव जलाने को लेकर लकड़ी की कमी की समस्या आती है तो वन विभाग लकड़ी मुहैया कराने को तैयार है.

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