शिक्षक नियुक्ति घोटाला : कार्रवाई भी आयी जांच के घेरे में

देवघर: देवघर में इंटर शिक्षक नियुक्ति में हुए घोटाले की परत धीरे-धीरे खुल रही है. कैसे सुनियोजित ढंग से इस घोटाले को अंजाम दिया गया है, कितना बड़ा रैकेट इसमें काम कर रहा था, इस सब का भी परदाफाश हो रहा है. लेकिन विडंबना यह है कि घोटाले की जांच करने के बाद जांच टीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2016 8:52 AM
देवघर: देवघर में इंटर शिक्षक नियुक्ति में हुए घोटाले की परत धीरे-धीरे खुल रही है. कैसे सुनियोजित ढंग से इस घोटाले को अंजाम दिया गया है, कितना बड़ा रैकेट इसमें काम कर रहा था, इस सब का भी परदाफाश हो रहा है. लेकिन विडंबना यह है कि घोटाले की जांच करने के बाद जांच टीम की रिपोर्ट से लेकर थाना आते-आते प्राथमिकी के प्रतिवेदन से कई आरोपितों के नाम एफआइआर से गायब हो गये. इसमें दोष थाने का नहीं है. दरअसल एफआइआर के लिए भेजे गये प्रतिवेदन में वैसे कई नाम शामिल ही नहीं है जिनकी संलिप्तता जांच टीम ने पायी है. इस तरह शिक्षक नियुक्ति घोटाले की जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई ही जांच के घेरे में है.
जांच रिपोर्ट में डीएसइ की भूमिका संदिग्ध
डीडीसी ने जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी है. प्रतिवेदन और पूरी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि जांच प्रक्रिया में डीएसइ कार्यालय ने नियुक्ति नियमावली का अनुपालन पूरी तरह नहीं किय. काउंसेलिंग के लिए गठित जांच दल को डीएसइ ने संपूर्ण वस्तुस्थिति से अवगत नहीं कराया जाना उजागर हुआ है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि काउंसेलिंग व अन्य नियुक्ति कार्य में सारे काजगात डीएसइ कार्यालय के प्रधान सहायक सदानंद ठाकुर द्वारा ही समर्पित किया जाता था. इसलिए अनियमितता में डीएसइ देवघर के साथ उनकी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अन्य चार लिपिकों ने काउंसेलिंग के बाद उन्हें मूल प्रमाण पत्र की जो संचिका वापस की उन्होंने वैसे ही रखी व जांच पदाधिकारी को नहीं दिखायी. इसलिए प्रधान सहायक समेत चार लिपिकों की भूमिका संदेह के घेर में है.
डीएसइ पर आरोप
जांच रिपोर्ट में डीएसइ पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं. इसमें कहा गया है कि डीएसइ देवघर ने अपने सहकर्मी जैसे नियुक्ति-संचिका प्रभारी कार्यालय सहायक तथा डाटा इंट्री अॉपरेटर के सहयोग से नियुक्ति नियमावली के विपरीत कार्य कर सक्षम उम्मीदवारों को उनके उचित हक से वंचित कर गलत/अक्षम व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र देकर गंभीर अपराध किया है.
कार्रवाई की अनुशंसा
डीडीसी ने डीसी को भेजे जांच प्रतिवेदन में डीएसइ सहित सभी संलिप्त कर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने व प्रथम द्रष्टया उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने की अनुशंसा की है.
बढ़ सकती है अवैध नियुक्त शिक्षकों की संख्या
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच टीम को डीएसइ कार्यालय ने संपूर्ण डाटा बेस उपलब्ध नहीं कराया है. इसलिए सभी अवैध नियुक्तियां उजागर नहीं की जा सकी है. इसलिए पूरा डाटा बेस मिलने और उसकी जांच होने पर अवैध नियुक्तियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है.
कहते है डीइओ
शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी मामले पर डीसी साहब के निर्देशानुसार एफआइआर के लिए मैंने आवेदन नगर थाने को दिया.अब मामले की जांच और कार्रवाई पुलिस करेगी. कुछ नाम हटाये गये, इस संबंध में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता. अभी में रांची बैठक में आया हूं.
उदय नारायण शर्मा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, देवघर
जांच टीम ने प्रथम द्रष्टया इनके प्रमाण पत्र में पायी गड़बड़ी
स्वप्न कुमार कर्मकार, इमतियाज आलम, संजय कुमार यादव, राम लखन प्रसाद यादव, पंचानन पांडेय, विश्वनाथ कुमार मंडल, विरेंद्र प्रसाद, रतन कुमार सिन्हा, मदन मोहन यादव, पवन कुमार दास, शबनम कुमारी, शांतनु सौरभ, सरिता कुमारी, मधु मंजरी, मीनाक्षी, महेंद्र मंडल, ज्योतिश कुमार मंडल, शैलेश कुमार पाठक, उषा रानी दास, मनीष कुमार, नवीन प्रभाकर, कंचन कुमारी, सहोदरा देवी, सीताराम यादव, पूनम कुमारी, गंभीर मंडल, रानी पदमावती, निर्मल कुमार, प्रेम सागर, आदित्य कुमार व शशि कुमार.

Next Article

Exit mobile version