आरपीएफ जवान को बंदर ने नोचा, जख्मी

मधुपुर/जसीडीह: रेल थाना क्षेत्र अंतर्गत चितरंजन स्टेशन पर बंदर के आतंक से रेलवे सुरक्षा बल व रेल पुलिस के जवान आज भी दहशत में हैं. जवानों को डर सताता रहता है कि महीनों पूर्व हुई भूल का बदला कहीं बंदर उनसे ना ले ले. स्थिति यह है कि वरदी में जवानों को देखते ही बंदर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2016 8:28 AM

मधुपुर/जसीडीह: रेल थाना क्षेत्र अंतर्गत चितरंजन स्टेशन पर बंदर के आतंक से रेलवे सुरक्षा बल व रेल पुलिस के जवान आज भी दहशत में हैं. जवानों को डर सताता रहता है कि महीनों पूर्व हुई भूल का बदला कहीं बंदर उनसे ना ले ले. स्थिति यह है कि वरदी में जवानों को देखते ही बंदर भड़क उठता है व उनपर हमला कर देता है.

शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. जसीडीह पोस्ट में पदस्थापित जवान धीरेंद्र साह अपने साथियों के साथ गुरुवार की रात ट्रेन में स्कॉट करते हुए चितरंजन गये थे. शुक्रवार की सुबह वह वापस लौट रहे थे. इसी दौरान स्टेशन पर एक बंदर उनके बगल में चुपचाप खड़ा हो गया. वरदी में खड़े जवान धीरेंद्र कुछ समझ पाते इससे पहले ही बंदर ने उन पर हमला कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. किसी तरह उन्होंने अपने आपको बंदर के चंगुल से मुक्त कराया. घायल सुधीर का इलाज कराया गया. इसके बाद वह जख्म ठीक होने तक छुट्टी होने पर चले गये.

क्या है वाकया

कुछ महीनों पूर्व चितरंजन स्टेशन में वरदी पहने जवानों ने एक बंदर की जम कर पिटाई कर घायल कर दिया था. तब से चितरंजन में कुछ बंदर वरदी वालों को देख उन पर हमला कर देता है. घटनाओं को देखते हुए छह माह पूर्व ही आरपीएफ के जवानों को चितरंजन स्टेशन में वरदे के बजाय सादे लिबास में ड्यूटी का निर्देश दिया गया था. बंदरों के आतंक से निपटने के लिए रेल प्रशासन ने पूर्व में ही जामताड़ा वन विभाग को लिखित सूचना दी है. हालांकि अभी तक इनसे निबटने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं निकाले जा सके हैं.

कहते हैं पदाधिकारी

जसीडीह आरपीएफ इंस्पेक्टर इंचार्ज डीके पांडेय ने बताया कि चितरंजन में बंदर ने उनके जवान को घायल कर दिया है. उनका इलाज कराया जा रहा है.

Next Article

Exit mobile version