स्थायी स्टाफ नहीं होने से हर साल एसी मेंटेनेंस में लाखों खर्च
श्रावणी मेला के पूर्व इस साल भी बिजली मद में चार लाख से अधिक खर्च करने की तैयारी पूर्व में चितरा कोलियरी से फ्री में होता था मेंटेनेंस से लेकर बिजली का काम देवघर : बाबा मंदिर में श्रावणी मेला की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. हर तरफ मरम्मत का कार्य चल रहा है. […]
श्रावणी मेला के पूर्व इस साल भी बिजली मद में चार लाख से अधिक खर्च करने की तैयारी
पूर्व में चितरा कोलियरी से फ्री में होता था मेंटेनेंस से लेकर बिजली का काम
देवघर : बाबा मंदिर में श्रावणी मेला की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. हर तरफ मरम्मत का कार्य चल रहा है. इस साल भी मंदिर कार्यालय एसी व बिजली के मेंटेनेंस पर लाखों रुपया खर्च करने की तैयारी में है.
इसके लिए ऊर्जा विभाग के द्वारा डीपीआर तैयार कर लिया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब हर वर्ष मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है, तो क्यों नहीं इसके लिए स्थायी मेंटेनेंस स्टाफ की नियुक्ति कर दी जाये. इससे खर्च में कमी आयेगी. मेंटनेंस स्टाफ की स्थायी व्यवस्था नहीं हाेने की वजह से इस साल भी बीते साल की तरह एसी मेंटेनेंस पर 12 लाख व मंदिर की बिजली व्यवस्था पर 4.45 लाख रुपये खर्च करने की तैयारी हो चुकी है. बताते चलें कि मंदिर में लगे एसी का मेंटेनेंस शिवरात्रि में भी तीन से चार लाख रुपये तक खर्च किया जाता है. कई जगहों में लगे एसी का उपयोग पूरे साल में एक महीने तक ही होता है, लेकिन मेंटेनेंस के नाम पर खर्च जरूर होता है. जैसे मंदिर में बने उपायुक्त के चैंबर जो कि साल में एक से 10 दिन शरदीय नवरात्र के समय खुलता है, वहीं बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में बने पुस्तकालय का उपयोग आजतक नहीं हुआ, लेकिन एसी मेंटनेंस पर खर्च जरुर होता है.
कहां कितने लगे हैं एसी
बाबा मंदिर में 11 टन का दो, साढ़े आठ टन का दो व दो टन के 10 एसी लगे हैं. जबकि एक साथ सभी का उपयोग सिर्फ श्रावणी मेला में होता है. वहीं पार्वती मंदिर में साढ़े आठ टन को दो एसी, कंट्रोल रुम में डेढ़ टन का व दो टन का एक, एसी कंप्यूटर कक्ष में डेढ़ टन का एक, पुस्तकालय में डेढ़ टन का एक, सभा कक्ष में डेढ़ टन का एक, प्रबंधक कक्ष में डेढ़ टन का एक व उपायुक्त कक्ष में डेढ़ टन का एक एसी लगा है. इसमें आधे का उपयोग नहीं के बराबर होता है.