सड़क ही नहीं रेल मार्ग से भी होती है कोयले की तस्करी

देवघर: पुलिस व कोयला के अवैध कारोबारियों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि सड़क मार्ग ही नहीं बल्कि रेल रूट में भी इन लोगों की तूती बोलती है. धनबाद के रास्ते रांची जाने वाली ट्रेन के यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. इस रास्ते से रात में आने वाली ट्रेन पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, मौर्या एक्सप्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2014 9:59 AM

देवघर: पुलिस व कोयला के अवैध कारोबारियों का गठजोड़ इतना मजबूत है कि सड़क मार्ग ही नहीं बल्कि रेल रूट में भी इन लोगों की तूती बोलती है. धनबाद के रास्ते रांची जाने वाली ट्रेन के यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.

इस रास्ते से रात में आने वाली ट्रेन पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, मौर्या एक्सप्रेस समेत अन्य रेलगाड़ियों में हर दिन यह नजारा देखने को मिल सकता है. पैसेंजर डब्बे की बात तो छोड़ें आरक्षण बोगी में भी कोयला का बोरा लाद कर लाया जाता है. इसके एवज में ट्रेन पर अवैध उगाही चरम पर है.

अगर कोयला रखने का कोई यात्री विरोध करते हैं तो उन्हें धंधे से जुड़े लोगों व पुलिस के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है. सूत्रों की मानें तो कोयला तस्करी करने वाले लोगों से चार हिस्से में अवैध वसूली चलती है. इसमें रेल पुलिस, आरपीएफ, टीटी व रेल कर्मियों के बीच राशि का बंटवारा होता है. अवैध कोयला ले जाने वाले लोगों से वसूली करने का ठेका प्राइवेट लोगों को दे दिया जाता है. इस कार्य के लिए महीने में वसूली करने वाले को भी निर्धारित रकम का भुगतान किया जाता है. वसूली के दौरान ट्रेन पर पीछे-पीछे पुलिस भी चलती है. इस कारण अगर किसी यात्री के कपड़े में कोयले की कालिख लगती भी है तो वे विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं.

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