उक्त बातें हाफीज अल्ताफ हुसैन ने कही. उन्होंने कहा कि हजरत अबु हुरेरा रजी अल्लाह फरमाते हैं कि मनुष्य के हर नेक काम के बदले अल्लाह नेकी देता है. उन्होंने कहा कि सूरज डुबने के बाद रोजा खोलना बरकत है और खजूर से रोजा खोलना अफजल है. उन्होंने कहा कि तरावीह की नमाज पढ़ने से हर मोमिन का अगला गुनाह माफ हो जाता है. तराबी की जमात में एक रकत कुरान मजीद पढना या सुनना सुन्नते मोकदा कहलाता है.रमजानुल मोबारक में अल्लाह ताला ने पांच सबे कर्द की रातें अपने बंदों को दिया है. जिसमें एक रात ऐसी है जो हजारों महीनों की रातों से अफजल है.
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रमजान:हाफीज अल्ताफ हुसैन ने कहा, पाक व बरकत का महीना है रमजान
मधुपुर: रामजान का महीना मुसलिम धर्मावलंबियों का पाक व बरकत का महीना है. इस महीने में अल्लाह तबारक व तआला खुद अपने बंदों पर नेकी अता करता है. इस पाक महीने में अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है. उक्त बातें हाफीज अल्ताफ हुसैन ने कही. उन्होंने कहा कि हजरत अबु हुरेरा रजी अल्लाह फरमाते […]
मधुपुर: रामजान का महीना मुसलिम धर्मावलंबियों का पाक व बरकत का महीना है. इस महीने में अल्लाह तबारक व तआला खुद अपने बंदों पर नेकी अता करता है. इस पाक महीने में अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है.
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