ऐसे में कैसे साकार होगा ग्रेटर देवघर का सपना

देवघर: रांची, जमशेदपुर, धनबाद जैसे शहर सहित हर बड़े शहरों के विकास की अवधारणा को लेकर वृहत बनाये जा रहे हैं. जब ग्रेटर रांची की परिकल्पना साकार हो सकती है तो ग्रेटर देवघर की कल्पना हम क्यों नहीं कर सकते हैं. ऐसे ही सवाल देवघर के लोगों की जेहन में कौंध रहे हैं. देवघर शहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2016 9:43 AM
देवघर: रांची, जमशेदपुर, धनबाद जैसे शहर सहित हर बड़े शहरों के विकास की अवधारणा को लेकर वृहत बनाये जा रहे हैं. जब ग्रेटर रांची की परिकल्पना साकार हो सकती है तो ग्रेटर देवघर की कल्पना हम क्यों नहीं कर सकते हैं. ऐसे ही सवाल देवघर के लोगों की जेहन में कौंध रहे हैं. देवघर शहर बहुत छोटा है लेकिन इसे वृहत बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. देवघर जिले में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम हो रहे हैं.
जैसे देवघर के कुंडा इलाके में एयरपोर्ट बन रहा है, कुंडा इलाके में ही समाहरणालय का नया भवन बनेगा. देवीपुर इलाके में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित होगा, जहां कई उद्योग धंधे की स्थापना पाइपलाइन में है. एम्स जैसे संस्थान देवीपुर इलाके में ही स्थापित होने का प्रस्ताव है.

जसीडीह इंडस्ट्रियल एरिया को पुनर्जीवित करने का काम चल रहा है, बाघमारा में प्राइवेट बस स्टैंड शिफ्ट होगा, एनएच चौपामोड़ के पास ट्रामा सेंटर बनने का प्रस्ताव है. इस तरह दर्जनों योजनाएं हैं जो देवघर को विकसित और स्मार्ट बनाने के लिए कारगर साबित होंगे. ऐसे में शहर को संकुचित नहीं रखा जा सकता है. इसे वृहत स्वरूप देना ही होगा. जब नया काम होगा, व्यवस्था बनेगी ही. कुष्ठाश्रम में सदर अस्पताल बना है तो वहां सुरक्षा भी होगा, लोगों को सुविधाएं भी मिलेगी. लेकिन विडंबना तो यह है कि अभी तक देवघर सदर अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है. अनुमंडल अस्पताल की संरचना पर ही देवघर का अस्पताल चल रहा है. ऐसे में टावर चौक स्थित पुराने सदर अस्पताल को भी संचालित करने की मांग उठ रही है. आधारभूत संरचना और डॉक्टरों के अभाव में दूसरे अस्पताल का संचालन कैसे होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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