देवघर: वित्तीय वर्ष 2012-13 में देवघर जिले में हुई किसानों से खरीदी गयी सरकारी धान पश्चिम बंगाल के आसनसोल व रामपुरहाट के बाजार में भुनाया गया. बताया जाता है कि पिछले वर्ष बारिश की कमी के कारण धान का उत्पादन कम हुआ था, इससे धान की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी.
धान 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खुले बाजार में बिक रहा था. इसी का फायदा उठाते हुए 50 हजार क्विंटल धान की बिक्री आसनसोल व रामपुरहाट की मंडी कर दी गयी. इस खेल में लगभग दो करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गयी.
सरकारी दर पर 1250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से यह धान किसानों से खरीदी गयी थी. लेकिन बाजार में धान की कीमतों में आयी उछाल का फायदा उठाया गया व हाथों-हाथ धान बाजार में बेचा गया. वैसे पिछले वर्ष सहकारिता विभाग ने चार लाख, आठ हजार क्विंटल धान की खरीदारी का लक्ष्य रक्षा, लेकिन यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सका. पैक्स व ग्रेन गोला में तीन लाख,1 4 हजार क्विंटल धान की खरीदारी हुई. इसमें दो लाख, 64 हजार क्विंटल धान राइस मिलों तक पहुंचा. शेष 50 हजार क्विंटल धान की तलाश सहकारिता विभाग कर रही है. जबकि लगभग छह करोड़ रुपये 50 हजार क्विंटल धान की खरीदारी में निकासी हुई है.