पैसे के लिए नहीं जान की परवाह
देवघर: अगर आप वाहन से देवघर-बासुकिनाथ व तपोवन रोड से गुजर रहे हैं ताे सड़क किनारे जगह-जगह सैकड़ों बच्चे वाहन के पीछे-पीछे दौड़ पड़ेंगे. इस क्रम में वाहन चालकों का संतुलन भी बिगड़ने की संभावना बन जाती है. बच्चे तब तक तक दौड़ लगाते हैं, जब तक वाहन से यात्री व कांवरिये कुछ पैसे नहीं […]
बच्चे तब तक तक दौड़ लगाते हैं, जब तक वाहन से यात्री व कांवरिये कुछ पैसे नहीं फेंक देते. जान को जोखिम में डालकर ऐसी हरकत करने वाले दो बच्चों की अब तक मौत भी हो चुकी है. पिछले दो वर्षों में हिंडलावरण-कुंडा व तपोवन रोड के अमलेवा गांव के पास दो अलग-अलग घटना में बच्चे पैसा मांगने के दौरान वाहन के चक्के से दब चुके हैं.
बावजूद श्रावणी मेला में धड़ल्ले से सड़कों पर यह सब चल रहा है. कई जगह तो बच्चे वाहनों के पीछे पैसे मांगने के लिए दौड़ते हैं और उनके अभिभावक झाड़ियों में छिपे रहते हैं. जैसे बच्चे पैसे चुनकर आते हैं, अभिभावक उनसे पैसे लेते हैं. सुबह सात बजे से अंधेरा होने तक यह खेल चल रहा है. हिंडोलावरण चौक पर तो दबंग व्यक्ति बच्चों को यह जोखिम भरा काम रोकने के बजाय इन बच्चों को डाराकर पैसे भी वसूलते हैं. अधिकांश बच्चे स्कूल में पढ़ने वाले हैं. कई बच्चे तो स्कूल के ड्रेस में भी रहते हैं.