1260 मनरेगा मजदूरों का एक महीने से भुगतान नहीं, दो वक्त का चूल्हा जलना भी हुआ मुश्किल

सारठ बाजार : प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा मजदूरों के घर का चूल्हा जलने पर आफत हो गया है. पिछले एक माह से करीब 1260 मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. जिससे मनरेगा मजदूरों काे खाने पर लाले पड़ रहे हैं. मनरेगा मजदूर ज्ञानेश्वर सोरेन, सुधीर मंडल, धोना बास्की, कालेश्वर हांसदा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2016 1:59 AM
सारठ बाजार : प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा मजदूरों के घर का चूल्हा जलने पर आफत हो गया है. पिछले एक माह से करीब 1260 मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है. जिससे मनरेगा मजदूरों काे खाने पर लाले पड़ रहे हैं. मनरेगा मजदूर ज्ञानेश्वर सोरेन, सुधीर मंडल, धोना बास्की, कालेश्वर हांसदा, सीताराम पोद्दार, सुकानंद रजवार, गुही रजवार, गिता देवी, प्रमोद महरा, सुभाष महरा, दिवाकर महरा, फुलबानु बीबी आदि मजदूरों का कहना है कि मजदूरी नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. पैसे के अभाव में घर में दो समय चूल्हा जलाना भी मुश्किल हो गया है.
अब तो पेट पालने के लिए खेतों में मजदूरी का काम करना पड़ रहा है. बताया गया कि पैसे के अभाव में प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं करा पाये. साथ ही खेतों में खाद भी नही डाल पा रहे हैं. गौरतलब है कि मजदूरों को रोजगार व समय पर मजदुरी का भुगतान के उद्देश्य से मनरेगा एक्ट को प्रारंभ किया गया था. लेकिन काम करने के बाबजुद समय पर भुगतान नहीं हो पाने के कारण मजदूर खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं.
पंचायत व लंबित एफटीओ
लगवां 87, कुकराहा 92, झिलुवा 61, जमुवासोल 124, फुलचुआं 170, बगडबरा 70, बामनगामा 89, आसनबनी 32, आराजोरी 83, आलुवारा छह समेत कुल 1260 एफटीओ लंबित हैं.
कहती है प्रमुख
समय पर मजदूरों का भुगतान ना हो पाना मनरेगा अधिनियम का मजाक बनाना जैसा है. तकनीकी पेच का मुआवजा आम मजदुर क्यों भुगतें. मनरेगा आयुक्त से लिखित शिकायत की जायेगी.
रंजना देवी, प्रमुख
कहते हैं बीडीओ
मनरेगा मजदूरों का भुगतान हेतु एफटीओ किया गया है. भुगतान में विलंब होने के लिए जिला में भी रिपोर्ट किया गया है. मजदूरों को जल्द ही मजदुरी को भुगतान उनके खाते में किया जायेगा.
पीके दास, बीडीओ

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