कुपोषण केंद्र में नहीं पहुंच रहे बच्चे!

देवघर: कुपोषण के शिकार बच्चों के बेहतर उपचार के लिए सरकार नयी-नयी योजनाएं बनाती है. लेकिन, जागरूकता एवं समन्वय के अभाव में कुपोषित बच्चे योजना से लाभांवित नहीं हो पाते हैं. नतीजा बच्च बड़ा होकर भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर ही रहता है. इसका ताजा उदाहरण सदर अस्पताल देवघर का कुपोषण उपचार केंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:40 PM

देवघर: कुपोषण के शिकार बच्चों के बेहतर उपचार के लिए सरकार नयी-नयी योजनाएं बनाती है. लेकिन, जागरूकता एवं समन्वय के अभाव में कुपोषित बच्चे योजना से लाभांवित नहीं हो पाते हैं. नतीजा बच्च बड़ा होकर भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर ही रहता है. इसका ताजा उदाहरण सदर अस्पताल देवघर का कुपोषण उपचार केंद्र है. कुपोषण उपचार केंद्र में पिछले तीस दिन में एक भी कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए भरती नहीं कराया गया. आखिरी बार 22 दिसंबर 12 को इलाजरत दो बच्चों को उपचार के बाद छुट्टी दी गयी थी.

आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी से दिसंबर 12 तक केंद्र में कुल 82 बच्चों को इलाज के लिए भरती कराया गया था. इस प्रकार प्रतिमाह औसतन सात कुपोषित बच्चे इलाज के लिए केंद्र में भरती कराये गये. जिला प्रशासन ने कुपोषित बच्चों को सेंटर में भरती कराने के लिए कई बार विभाग के पदाधिकारी को निर्देश भी दिया है. लेकिन, अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिख रहा है. अस्पताल के भवन में कुपोषण उपचार केंद्र का संचालन होता है. केंद्र में बच्चों के लिए कुल छह बेड है. यहां चार एएनएम की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है.

सकारात्मक पहल नहीं
प्रबंधन ने सीडीपीओ के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं सहिया से कुपोषित बच्चों को सेंटर तक पहुंचाने के लिए कई बार जिला समाज कल्याण पदाधिकारी देवघर से मदद का अनुरोध भी किया. लेकिन, अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखा है.

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