200 एसएमसी का पुनर्गठन व 33 विद्यालय विलय करें पूरा

देवघर. सूबे के मुख्य सचिव राजवाला वर्मा, शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ मनीष रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक व राज्य परियोजना निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिले के प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों में चल रहे कार्यक्रम की समीक्षा की. मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव ने स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों की नियमित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2016 7:18 AM
देवघर. सूबे के मुख्य सचिव राजवाला वर्मा, शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ मनीष रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक व राज्य परियोजना निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिले के प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों में चल रहे कार्यक्रम की समीक्षा की.

मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव ने स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों की नियमित उपस्थिति सुधारने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जिले में खराब प्रदर्शन करने वाले 200 एसएमसी (स्कूल प्रबंध समिति) का पुनर्गठन व न्यूनतम से भी कम उपस्थिति वाले 33 प्राइमरी स्कूलों का अविलंब नजदीक के स्कूलों में विलय करें. बच्चों के भविष्य को देखते हुए ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या शून्य करने का निर्देश दिया. स्कूल प्रबंध समिति को मजबूत बनाने के लिए मुखिया व स्थानीय जनप्रतिनियों को समिति से जोड़ने की बात कही. कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में पैसों की कमी नहीं है, जनप्रतिनिधि जुड़ेंगे तो विद्यालय का समुचित विकास भी होगा.

जिला शिक्षा पदाधिकारी उदय नारायण शर्मा व जिला शिक्षा अधीक्षक सीवी सिंह को निर्देश दिया कि विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ योजना के सफल संचालन के लिए बीइइओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी के नाम 10 से 15 विद्यालय आवंटित करें. नियमित रूप से विद्यालय का निरीक्षण करायें. साथ ही निरीक्षण नोट तैयार कर विभाग को नियमित रूप से भेजें. बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिला शिक्षा अधीक्षक आदि उपस्थित थे.

सेकेंडरी स्कूलों में योजना कार्यक्रम का संचालन सफलता पूर्वक करें : जिले के सभी सेकेंडरी स्कूलों में बायोमीट्रिक चालू रखें. शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी बायोमीट्रिक से ही हाजिरी बनायें. अगस्त माह के वेतन का भुगतान भी बायोमीट्रिक सिस्टम से ही किया जायेगा. विद्यालय में पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला का उपयोग बच्चें नियमित रूप से करें. इसे अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायें. राज्य पदाधिकारी द्वय ने मैट्रिक व इंटर के खराब परीक्षा परिणाम को गंभीरता से लेते हुए स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दिया.

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