दो साल में सीबीआइ को नहीं मिला कोई नया लिंक
देवघर: डबल मर्डर मिस्ट्री की जांच में सीबीआइ भी दो साल में कोई नया लिंक नहीं खोज सकी. अब लगता है कि सीबीआइ भी इस कांड के अनुसंधान में थक चुकी है. सीबीआइ के पास भी अब आम लोगों की मदद के बगैर कोई खास उपाय नहीं बचा है. ऐसे में सीबीआइ ने सटीक सूचना […]
देवघर: डबल मर्डर मिस्ट्री की जांच में सीबीआइ भी दो साल में कोई नया लिंक नहीं खोज सकी. अब लगता है कि सीबीआइ भी इस कांड के अनुसंधान में थक चुकी है. सीबीआइ के पास भी अब आम लोगों की मदद के बगैर कोई खास उपाय नहीं बचा है. ऐसे में सीबीआइ ने सटीक सूचना देने वालों के लिए 10 लाख के इनाम की घोषणा की है.
हालांकि मृतक परिजनों की आस सीबीआइ से भी अब टूट चुकी है. मृतक परिजनों को अब एहसास होने लगा है कि सीबीआइ से उन्हें शायद ही इस मामले में न्याय मिल सकेगा? मृतक परिजनों का कहना है कि सीबीआइ टीम की तफ्तीश भी सीआइडी व पुलिस के ढ़र्रे पर ही चली. मामले में जितना पुलिस ने किया, उतने से आगे सीआइडी व सीबीआइ भी नहीं कुछ खोज सकी. पुलिस लाइन के कई लोगों की डीएनए प्रोफाइलिंग तक कराया गया. बावजूद मामले में कुछ नया नहीं सामने आया. परिजनों का कहना है कि अब उन लोगों के पास हाइकोर्ट के सिवाय और कोई दूसरा रास्ता नहीं बच रहा है. जसीडीह थाना क्षेत्र के दोनों सहेलियों की लाश 27 मई 2013 को पुलिस लाइन डाबरग्राम स्थित तालाब से बरामद हुआ था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के रेप व हत्या की पुष्टि हुई थी. मामले में सीबीआइ जांच के लिए परिजनों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था. हाइकोर्ट के निर्देश पर ही डबल मर्डर मिस्ट्री की जांच का जिम्मा सीबीआइ को दिया गया था.