ओजोन ट्रांसफर व अल्ट्रासोनिक पद्धति से होगी शिवगंगा की सफाई

देवघर: लंबे अंतराल के बाद सरकार की नजर-ए-इनायत शिवगंगा पर हुई है. एक बार फिर शिवगंगा में ट्रीटमेंट प्लांट पर 10 करोड़ खर्च होगा. ई-टेंडर के जरिए देवघर नगर निगम ने उक्त निविदा निकाली है. पुरानी सभी पद्धति से निराश हो, अब शिवगंगा के पानी की सफाई के लिए नयी पद्धति अपनायी जायेगी. अब ओजोन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2014 9:42 AM

देवघर: लंबे अंतराल के बाद सरकार की नजर-ए-इनायत शिवगंगा पर हुई है. एक बार फिर शिवगंगा में ट्रीटमेंट प्लांट पर 10 करोड़ खर्च होगा. ई-टेंडर के जरिए देवघर नगर निगम ने उक्त निविदा निकाली है. पुरानी सभी पद्धति से निराश हो, अब शिवगंगा के पानी की सफाई के लिए नयी पद्धति अपनायी जायेगी. अब ओजोन ट्रांसफर व अल्ट्रासोनिक पद्धति से शिवगंगा के जल की सफाई होगी. यह ट्रीटमेंट प्लांट संबंधित एजेंसी के सलेक्शन के बाद 10 माह में लग जायेगा.

पूर्व में भी हो चुका है केमिकल ट्रीटमेंट
शिवगंगा सफाई को लेकर कई बार प्रशासनिक व नागरिक पहल हुई है. लेकिन शिवगंगा की देख-रेख सही ढंग से नहीं हो पाने की वजह से इसका पानी दूषित हो गया है. इससे पूर्व भी कई बड़ी कंपनियों ने शिवगंगा के पानी को साफ करने के लिए केमिकल ट्रीटमेंट किया था लेकिन कुछ खास और अधिक दिनों तक इसका असर नहीं रह सका.

विसजिर्त होती हैं हजारों मूर्तियां
नगर विकास विभाग ने योजना तो बना ली है लेकिन शिवगंगा के प्रति देवघर नगर निगम गंभीर नहीं है. क्योंकि कई बार यहां बोर्ड लगाया गया, यहां कपड़ा न धोयें, यहां गाड़ी न धोयें, साबून का उपयोग न हो..आदि. लेकिन आज तक इस पवित्र सरोवर में मूर्तियों के विसजर्न को प्रतिबंधित नहीं किया गया. इस कारण हर पूजा चाहे वह दुर्गा पूजा हो, सरस्वती पूजा हो, काली पूजा हो या अन्य पूजा, हजारों हजार की संख्या में मूर्तियां विसजिर्त होती हैं. इसमें लगा पेंट, मिट्टी, केमिकल शिवगंगा के पानी को दूषित कर देता है.

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