अधिकारियों को याद आये उनके पहले गुरु
देवघर : जैसे ही पांच सितंबर आता है. गुरु-शिष्य परंपरा की सबों को याद आती है. खासकर जिन लोगों ने वर्षों पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर ली. आज कहीं न कहीं जॉब में हैं. सबके जेहन में उनके जीवन के पहले गुरु रहते हैं. वैसे गुरु जिन्होंने पहली बार ए, बी, सी, डी… सिखायी. वैसे […]
देवघर : जैसे ही पांच सितंबर आता है. गुरु-शिष्य परंपरा की सबों को याद आती है. खासकर जिन लोगों ने वर्षों पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर ली. आज कहीं न कहीं जॉब में हैं. सबके जेहन में उनके जीवन के पहले गुरु रहते हैं. वैसे गुरु जिन्होंने पहली बार ए, बी, सी, डी… सिखायी.
वैसे गुरु जिन्होंने ककहरा, क, ख, ग… सिखाया. वैसे गुरु जिन्होंने 1,2,3,4… सिखाया और वैसे गुरु भी जो उनके जीवन के प्रेरणास्रोत बने. सभी लोग जो कहीं न कहीं प्रतिष्ठित पदों पर हैं, वैसे गुरु को भुला नहीं पा रहे हैं. प्रभात खबर ने जिले के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन अधिकारियों के अतीत को झांका और उनसे जाना कि उनके जीवन में पहले गुरु का महत्व क्या था, कौन उनके प्रेरणास्रोत बने…? शिक्षक दिवस पर प्रस्तुत है अधिकारियों के संस्मरण की खास बातें :