चोरी मामले में आधा दर्जन संदिग्ध हिरासत में

देवघर : बरमसिया मुहल्ला निवासी सह रिटायर्ड आइजी के परिजन पुरूषोत्तम ठाकुर के घर हुई छीनतई मामले में दर्ज कांड संख्या-451/16 की पड़ताल को लेकर पुलिस ने अनुसंधान तेज कर दिया है. मामले में पुलिस ने बुधवार को आधा दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. इनमें से अधिकांश लोग स्वर्ण व्यवसाय के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2016 8:31 AM
देवघर : बरमसिया मुहल्ला निवासी सह रिटायर्ड आइजी के परिजन पुरूषोत्तम ठाकुर के घर हुई छीनतई मामले में दर्ज कांड संख्या-451/16 की पड़ताल को लेकर पुलिस ने अनुसंधान तेज कर दिया है. मामले में पुलिस ने बुधवार को आधा दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. इनमें से अधिकांश लोग स्वर्ण व्यवसाय के पेशे से जुड़े हुए हैं.
उन सभी लोगों से दिनभर पूछताछ होती रही. मगर पुलिस अब भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. यही वजह है कि थाना प्रभारी से लेकर पुलिस के वरीय पदाधिकारी तक कोई भी इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट बताने से कतरा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि नगर थानांतर्गत बरमसिया मुहल्ले में दो सितंबर को पूर्व आइजी भवेश ठाकुर के भाई रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ पुरुषोत्तम ठाकुर की पत्नी वीणा ठाकुर का हाथ-मुंह बांध कर अज्ञात दो युवकों ने कंगन और मंगल सूत्र लूट लिया था. घटना के बाद उन्हें उसी हालत में छोड़ कर दोनों बदमाश भाग गये.इस संबंध में दो दिन बाद डॉ ठाकुर ने नगर थाने में लिखित शिकायत दिया. उक्त शिकायत पर नगर थाना में दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था.
एसडीपीअो के नेतृत्व में चला अभियान
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को एसडीपीअो दीपक पांडेय के नेतृत्व में चलाये गये अभियान में तीन थानों (नगर, सारवां, कुंडा) के प्रभारी व उनकी टीम जुटी हुई है. टीम ने अहले सुबह से लेकर दोपहर तीन बजे तक एक-एक कर छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. इसमें सारवां गोलाबाजार से नवीन पोद्दार नामक एक स्वर्ण व्यवसायी व उसके एक सहयोगी, नगर थाना क्षेत्र के एसबी राय रोड मुहल्ले से दो लोगों को, एक पिता-पुत्र को समेत एक अन्य को अलग-अलग जगहों से हिरासत में लिया गया. बाद में पुलिस पदाधिकारियों की टीम इन सभी को लेकर नगर थाना पहुंची, जहां बारी-बारी से उन सभी से पूछताछ होती रही. इस दौरान उनके परिजन भी एक-एक कर थाना परिसर में पहुंच गये. जो देर शाम तक वहीं टिके रहे.

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