योग और ध्यान सीख रहे हैं देवघर के बंदी

देवघर : आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर महाराज के शिष्य अंतरराष्ट्रीय शिक्षक निशांत ने मंडल कारा के 170 बंदियों को ध्यान, प्राणायाम, योग और सुदर्शन क्रिया का अनुभव दिया. निशांत ने कहा कि बंदियों के उत्साह व ऊर्जा के स्तर में बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला. बंदियों ने कहा कि ये उनके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2016 7:51 AM
देवघर : आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर महाराज के शिष्य अंतरराष्ट्रीय शिक्षक निशांत ने मंडल कारा के 170 बंदियों को ध्यान, प्राणायाम, योग और सुदर्शन क्रिया का अनुभव दिया.
निशांत ने कहा कि बंदियों के उत्साह व ऊर्जा के स्तर में बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला. बंदियों ने कहा कि ये उनके जीवन का बहुमूल्य अनुभव रहा. उन्होंने कहा कि रोग-मुक्त शरीर, तनाव-रहित मन, पूर्वाग्रह रहित बुद्धि, प्रसन्नचित व हिंसाविहीन समाज हर एक मानव का दृष्टिकोण होना चाहिए. विशेष रूप से सिखाई जानेवाली अति शक्तिशाली प्रक्रिया ‘सुदर्शन क्रिया’ का अभ्यास निरोगता बढ़ाकर व्यक्ति को स्वस्थ एवं प्रसन्न रखता है.
इसका अभ्यास उच्च प्रतिरक्षा शक्ति, शहन शक्ति और लागातार बढ़ी हुई प्राण ऊर्जा का अनुभव कराती है. यह प्राकृतिक श्वास की लयों के प्रयोग से मन व भावनाओं को एक रिदम में लाती है. इससे व्यक्ति प्रसन्न रहता है और अवसाद-थकान व तनाव से मुक्त हो जाता है. इस कार्यक्रम में मंडल काराधीक्षक सत्येंद्र चौधरी, आशुतोष कुमार, अभय कुमार, सुरेश सर्राफ, डा मंजू बैंकर, डा. किरण झा , अर्चना गुप्ता, रंजना मुंदड़ा, वीना मुंदड़ा, जया पटेल, एकता जी, गीता कुमकुम, पुरूषोत्तम कुमार शामिल हुए.

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