आज सभी डॉक्टर कार्य का करेंगे बहिष्कार
सभी विभागों में रहेगी इमरजेंसी सेवा पीएम व मेडिकोलीगल कार्य रहेगा जारी देवघर : राज्य सरकार की उदासीनता, प्रताड़ना व दमनात्मक कार्रवाई को लेकर आइएमए व झासा के बैनर तले राज्य भर के डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार बुधवार से है. बुधवार व गुरुवार को सभी डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे. सिर्फ इमरजेंसी, पोस्टमार्टम सहित मेडिकोलीगल सेवा […]
सभी विभागों में रहेगी इमरजेंसी सेवा
पीएम व मेडिकोलीगल कार्य रहेगा जारी
देवघर : राज्य सरकार की उदासीनता, प्रताड़ना व दमनात्मक कार्रवाई को लेकर आइएमए व झासा के बैनर तले राज्य भर के डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार बुधवार से है. बुधवार व गुरुवार को सभी डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे. सिर्फ इमरजेंसी, पोस्टमार्टम सहित मेडिकोलीगल सेवा देंगे. गुरुवार को प्राइवेट डॉक्टर भी कार्य बहिष्कार कर आंदोलन का समर्थन करेंगे. इस दौरान मरीजों को होने वाली कठिनाई को ध्यान में रखते हुए सदर अस्पताल में विशेष बंदोबस्त किया गया है. सिविल सर्जन डॉक्टर एससी झा ने दावा करते हुए कहा है कि डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पताल में कोई असर नहीं होगा.
सभी विभागों में इमरजेंसी चलेगी. मरीजों सहित आमजनों को सदर अस्पताल में कोई दिक्कत नहीं होगा. आंदोलन के दौरान झासा व आइएमए ने कहा कि सदर अस्पताल परिसर में एकजुट होकर सभी डॉक्टर प्रदर्शन कर सरकार का विरोध जताएंगे. लंबित मांग मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के बजाय सरकार द्वारा टाल-मटोल किया जा रहा है. पड़ोसी राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, छतीसगढ़ व ओड़िसा सहित देश के 16 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है. सरकारी चिकित्सकों के अन्य मांगों कार्यसीमा निर्धारण, विशेषज्ञ कैडर, डेंटल कैडर, नये प्राइवेट प्रैक्टिस गाइडलाइन पर वापसी मामले में सरकार का बिल्कुल ही ध्यान नहीं है. बल्कि डॉक्टरों पर सरकार दमनात्मक कार्रवाई भी कर रही है. एक तरफ पूरे राज्य में डॉक्टरों की कमी है.
बावजूद डॉक्टरों पर सरकार का सहयोगात्मक रवैया नहीं है. ज्यादे काम ले रही है और दंडात्मक कार्रवाई भी कर रही है. इसी के विरोध में झासा व आइएमए के तहत डॉक्टर 28 से 30 सितंबर तक कार्य बहिष्कार कार्यक्रम है. इसके बाद दो अक्तूबर को राज्य के सभी सरकारी डॉक्टर अपना त्यागपत्र संघ के माध्यम से जमा करेंगे, जिसे 15 अक्तूबर को झारखंड के मुख्यमंत्री को सौंपा जाना है.
देवघर. रांची से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने स्वास्थ्य संबंधि योजना व अन्य कार्यों की समीक्षा की. प्रधान सचिव ने कहा कि बुधवार से हड़ताल पर जाने वाले डॉक्टरों को पहले विभाग से वार्ता करनी चाहिए थी, सरकारी डॉक्टरों को आइएमए से जोड़कर हड़ताल में जाना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जो भी डॉक्टर हड़ताल पर जायेंगे उनका वेतन कट जायेगा. प्रधान सचिव ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों द्वारा अब किता ऑपरेशन समेत अपने विभाग से संबंधित कार्य किये हैं, उसकी रिपोर्ट तैयार करें. एक सप्ताह का अभियान चलाकर अस्पताल की सफाई करें.
सदर अस्पताल में एक लाख रूपये से अधिक आवश्यक उपकरण की खरीदारी से पहले विभागीय सचिव से सहमति जरूर प्राप्त करें. अस्पताल के सभी विभागों में दवा की उपलब्धता अनिवार्य रूप से होनी चाहिए. अस्पताल में संध्या ओपीडी की शुरूआत करें. मरम्मत जैसे कार्यों के लिए भवन निर्माण विभाग को प्रस्ताव भेजें. इस मौके पर सीएस डॉ एससी झा, डॉ सीके शाही, डॉ सुुनील सिन्हा,डीपीएम प्रतिमा कुमारी आदि थे.