बयान: चितरा कोलियरी के निवर्तमान जीएम ने कहा ,समस्याओं का किया इलाज लेकिन हो गया तबादला

चितरा: चितरा कोलियरी में सिर्फ भूमि अधिग्रहण की समस्या है. अन्यथा यह कोलियरी में सोना उगलने वाली है. ढाई माह ही काम करने का अवसर मिला, पर यहां के श्रमिकों के साथ काम करके अच्छा लगा. उक्त बातें चितरा कोलियरी के निवर्तमान महाप्रबंधक अनुराग कुमार ने प्रभात खबर से कही. उन्होंने कहा कि अभी चितरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2016 2:27 AM
चितरा: चितरा कोलियरी में सिर्फ भूमि अधिग्रहण की समस्या है. अन्यथा यह कोलियरी में सोना उगलने वाली है. ढाई माह ही काम करने का अवसर मिला, पर यहां के श्रमिकों के साथ काम करके अच्छा लगा. उक्त बातें चितरा कोलियरी के निवर्तमान महाप्रबंधक अनुराग कुमार ने प्रभात खबर से कही. उन्होंने कहा कि अभी चितरा कोलियरी की समस्या को जांच कर ईलाज शुरू ही किये थे कि तबादला हो गया. लेकिन यह सर्विस का पार्ट है. इसलिए वे चितरा कोलियरी और यहां के कामगारों के बेहतर भविष्य की कामना करते हैं.
गड़बड़ी मिल रही थी, उसे ठीक कर रहे थे
जीएम अनुराग ने कहा कि चितरा कोलियरी की जो गडबड़ी देख रहा था, उसे ठीक करने का प्रयास कर रहे थे. कोई भी इस पद होगा, जो खराबी दिखे, उसे ठीक करना चाहिए. उन्हें न तो गड़बड़ी करने वाले पसंद है और न गडबड़ी को सह देने वाले. उन्होंने कहा कि वे अपनी ड्यूटी कर रहे थे. उन्होंने तबादले के पीछे किसी राजनीतिक षड्यंत्र से इनकार किया.
कई चुनौतियों से निबटे
जीएम अनुराग ने कहा कि योगदान के समय से लेकर ढाई महीने तक उनके सामने कई चुनौतियां आयी. लेकिन सभी चुनौतियों को चैलेंज के रूप में लेकर कोलियरी व श्रमिक हित में काम किये. उन्होंने कहा कि चितरा कोलियरी में जब योगदान दिये, कोलियरी में रूंगटा कंपनी की ओर से चलने वाला ऑउटसोर्सिंग का काम बंद था. चितरा से जामताड़ा रेलवे साइडिंग में कोयला ढुलाई भी ठप था. जैसे ही हम योगदान दिये तो सबसे पहले त्रिपक्षीय वार्ता करके कोयला ढुलाई चालू कराये. उसके बाद लगातार डीएसओ, आरसीसीएफ दुमका व रांची में संबंधित पदाधिकारियों के समक्ष कोलियरी का पक्ष रखे और उसमें सफल हुए. उसके बाद ऑउटसोर्सिंग का कार्य चालू कराने का आदेश मिला. उन्होंने कहा कि चितरा के तुलसीडाबर खदान की समस्याओं और उससे जुड़े भू स्वामियों से बातचीत करके समाधान खोजते लेकिन तबादला हो गया. तुलसीडाबर खदान में सेक्सन 22 लगा हुआ है. खदान से सेक्शन 22 हटवाने का प्रयास शुरू ही किये थे कि तबादला हो गया. समयाभाव के कारण इस काम को नहीं कर सके.

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