वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार दुर्गा मंदिर के गवहर पूजा में कुशमील के राजहंस परिवार हर दिन पूजा करने के साथ अखंड दीप की रखवाली करते हुए अंतिम क्षण तक दीप को प्रज्वलित रखने के लिए पूजा स्थल पर दिन-रात मौजूद रहेंगे. मालूम हो की जगतजननी मंदिर में खैरा इस्टेट व महाकाल भैरव मंदिर में गिद्धौर इस्टेट की ओर से पूजा शुरू की गयी थी.
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बाबा मंदिर में गुरुवार से शुरू होगी गवहर पूजा
देवघर: बाबा मंदिर में परंपरा के अनुसार गुरुवार को पंचमी तिथि पर शाम चार बजे गवहर पूजा की शुरुआत होगी. इसमें आचार्य दुर्गा प्रसाद तथा इस्टेट की ओर से पुजारी छोटे लाल झा विधिवत तांत्रिक विधि से प्राण-प्रतिष्ठा कर कलश स्थापन के साथ पूजा प्रारंभ करेंगे. गवहर पूजा महाकाल भैरव मंदिर के बारामदे के अलावा […]
देवघर: बाबा मंदिर में परंपरा के अनुसार गुरुवार को पंचमी तिथि पर शाम चार बजे गवहर पूजा की शुरुआत होगी. इसमें आचार्य दुर्गा प्रसाद तथा इस्टेट की ओर से पुजारी छोटे लाल झा विधिवत तांत्रिक विधि से प्राण-प्रतिष्ठा कर कलश स्थापन के साथ पूजा प्रारंभ करेंगे. गवहर पूजा महाकाल भैरव मंदिर के बारामदे के अलावा जगतजननी मंदिर के बरामदे पर तार के पत्ते से घेर की जायेगी. इस पूजा में पूरे नवरात्र तक कलश के उपर अखंड दीप प्रज्वलित होती रहेगी.
वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार दुर्गा मंदिर के गवहर पूजा में कुशमील के राजहंस परिवार हर दिन पूजा करने के साथ अखंड दीप की रखवाली करते हुए अंतिम क्षण तक दीप को प्रज्वलित रखने के लिए पूजा स्थल पर दिन-रात मौजूद रहेंगे. मालूम हो की जगतजननी मंदिर में खैरा इस्टेट व महाकाल भैरव मंदिर में गिद्धौर इस्टेट की ओर से पूजा शुरू की गयी थी.
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