नाबालिग को बनाया हवस का शिकार

देवघर: दुमका जिला अंतर्गत जरमुंडी थाना प्रभारी राधेश्याम दास केखिलाफ महिला थाने में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है. 14 वर्षीया मीना (काल्पनिक नाम) के बयान पर यह मामला दर्ज हुआ है. मामले को देवघर पुलिस ने गंभीरता से लिया और आरोपित पुलिस अफसर की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:40 PM

देवघर: दुमका जिला अंतर्गत जरमुंडी थाना प्रभारी राधेश्याम दास केखिलाफ महिला थाने में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है. 14 वर्षीया मीना (काल्पनिक नाम) के बयान पर यह मामला दर्ज हुआ है. मामले को देवघर पुलिस ने गंभीरता से लिया और आरोपित पुलिस अफसर की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है.

उधर, देवघर पुलिस से मिली सूचना के बाद दुमका एसपी निर्मल कुमार मिश्र ने थाना प्रभारी श्री दास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों से घर पर अकेली पाकर श्री दास ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. साथ ही उन्होंने धमकी दी थी कि इस बारे में अगर किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा. पहले भी वह छेड़छाड़ करते थे, लेकिन पिछले 15-20 दिनों से उसे कई बार अकेले में हवस का शिकार बनाया.

नगर महिला थाने में मामला दर्ज
जरमुंडी थाना प्रभारी के खिलाफ देवघर पुलिस ने नगर थाने में कांड संख्या 201/13, भादवि की धारा 376(2) (आइ) (एन) के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. मामला दर्ज होने की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी श्री दास फरार हो गये हैं.

कैसा हुआ मामले का खुलासा
थाना प्रभारी श्री दास के घर में एक बेटे को छोड़ कोई नहीं है. उनकी पत्नी की मौत एक सड़क हादसे में दो साल पहले हो गयी थी. तब से वे अकेले हो गये थे. अपने बेटे की देखभाल के लिए उन्होंने तालझारी की एक बच्ची को अपने घर लाये. उन्होंने बच्ची के भैया-भाभी से कहा कि वे इसकी परवरिश करेंगे और बड़ा होने पर उसकी शादी भी करा देंगे. तकरीबन नौ साल से वह थाना प्रभारी के घर पर रह रही थी. पत्नी की मौत के बाद वे अपने बेटे के साथ उस नाबालिग बच्ची (सो कॉल्ड मेड सर्वेट) को अपने बरमसिया स्थित आवास पर रखे थे.

थाना प्रभारी अपने बेटे से मिलने अक्सर बरमसिया स्थित आवास आया करते थे. इसी बीच अकेला पाकर पहले तो उसने बच्ची के साथ छेड़छाड़ शुरू किया. 15-20 दिन पहले उन्होंने अकेला पाकर मीना (काल्पनिक नाम) को हवस का शिकार बनाया. उसके बाद से वे लगातार दुष्कर्म कर रहे थे. बाद में उसे चित्तोलोढ़िया स्थित एक घर जहां श्री दास की दूसरी शादी होने वाली थी, वहां छोड़ रखा था. वहां से वह किसी तरह भाग गयी और ग्रामीणों को जब इसकी जानकारी मिली तो पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही महिला थाना की पुलिस हरकत में आयी और पीड़िता को अपने साथ थाना लाकर पूछताछ की. तब मामले का खुलासा हुआ.

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