देवघर में चीनी आइटमों का विरोध जारी

देवघर : पहले पठानकोट, फिर उड़ी, उसके बाद पुलवामा व अन्य सैनिक स्थलों पर हुए आतंकी घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश को देखते हुए भारत की अोर से पाकिस्तान की सीमा में घुस कर किये गये सर्जिकल स्ट्राइक के बाद राष्ट्रीय एकता की लहर चल रही है. ऐसे में चीन द्वारा पाकिस्तान को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2016 8:24 AM

देवघर : पहले पठानकोट, फिर उड़ी, उसके बाद पुलवामा व अन्य सैनिक स्थलों पर हुए आतंकी घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश को देखते हुए भारत की अोर से पाकिस्तान की सीमा में घुस कर किये गये सर्जिकल स्ट्राइक के बाद राष्ट्रीय एकता की लहर चल रही है. ऐसे में चीन द्वारा पाकिस्तान को हर मामले में किये जा रहे मदद से देशवासियों में चीन के प्रति गहरा आक्रोश है. शहरवासियों ने इस वर्ष चीनी आइटमों के बहिष्कार का मन बनाया है. प्रस्तुत है इस संबंध में लोगों से बातचीत के अंश :

दीपावली के समय हमारे देश में चीन में निर्मित विद्युत उपकरणों जैसे-राइस की लड़ी, लाइट, दीया के अलावा मोबाइल फोन आदि की बिक्री बढ़ जाती है. सस्ती होने के बावजूद देश की संप्रभुता के लिए इस वर्ष किसी भी कीमत पर चीनी उत्पादों की खरीदारी नहीं करेंगे.

– राजेंद्र प्रसाद, बुजुर्ग

भारत देश में चीनी उत्पादों की बिक्री से हमारे देश का कुटीर उद्योग खस्ताहाल होता जा रहा है. इस पर केंद्र सरकार को रोक लगानी चाहिये. ताकि हमारे देश के कुम्हार व छोटे उद्यमी खुशी-खुशी जीवन निर्वहन कर सकें. इसके लिए हम सभी को पहल करनी होगी.

– हेमलता देवी, गृहिणी

हमारे परिवार के सदस्यों ने पूर्ण संकल्प लिया कि देश की सुरक्षा व संप्रभुता के लिए किसी भी सूरत में चीनी उत्पादों की खरीद नहीं करेंगे. साथ ही शहरवासियों से अपील करेंगे कि वो भी चीनी आइटमों की खरीद नहीं करें.

– ज्योति झा, गृहिणी

चीन में बनने वाले सस्ते लाइट, दीया व इलेक्ट्रानिक आइटमों का बहिष्कार करूंगा. इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा अौर भारत वर्ष की प्रगति में मेरी भी सहभागिता शामिल होगी.

– रौशन कुमार,

चाइनीज आइटम का पूरे देश में बहिष्कार किया जाना चाहिये. चीन की आर्थिक रीढ़ भारत है. भारत में पैसा कमा कर भारत के खिलाफ ही षडयंत्र रचना चीन की पुरानी फितरत है. इसलिए वहां उत्पादित वस्तुअों का देशभर में विरोध जरूरी है.

– सूरज कुमार, टेक्नीशियन

सरकार को अपने देश में कुशल कारीगर व उसके द्वारा तैयार उत्पादों की क्षमता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाये जाने चाहिये. ताकि भारत के उत्पाद भी चीनी उत्पादों के मुकाबले लोगों के घरों तक पहुंच सके.

– ललन कुमार, युवा व्यवसायी

Next Article

Exit mobile version