आरोप लगाकर मुकरने वाली महिला पर कोर्ट का रुख सख्त
देवघर: दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगा कर मुकर जाना पीड़िता के लिए महंगा साबित हुआ. कोर्ट में ट्रायल के दाैरान पीड़िता ने दुष्कर्म प्रयास की घटना से इनकार किया, तो कोर्ट ने सख्त नाराजगी जतायी. इतना ही नहीं न्यायालय ने कड़े तेवर अपनाते हुए पीड़िता के विरूद्ध ही मुकदमा चलाने का फैसला सुनाया. एडीजे […]
देवघर: दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगा कर मुकर जाना पीड़िता के लिए महंगा साबित हुआ. कोर्ट में ट्रायल के दाैरान पीड़िता ने दुष्कर्म प्रयास की घटना से इनकार किया, तो कोर्ट ने सख्त नाराजगी जतायी. इतना ही नहीं न्यायालय ने कड़े तेवर अपनाते हुए पीड़िता के विरूद्ध ही मुकदमा चलाने का फैसला सुनाया. एडीजे दो कृष्ण कुमार की अदालत में चल रहे सेशन ट्रायन नंबर 7/2013 की सुनवाई पूरी करने के बाद इस मामले के आरोपित रीतु यादव को निर्दोष पाकर रिहा कर दिया. साथ ही झूठा अारोप लगाने वाली महिला के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 192 व 211 के तहत केस चलाने का आदेश दे दिया है. पीड़िता व आरोपित एक ही गांव के हैं.
इस मामले में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियाेजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से अधिवक्ता अतिकुर रहमान थे. अभियोजन पक्ष से कुल पांच लाेगों ने गवाही दी और घटना का समर्थन किसी ने नहीं किया.
क्या था मामला
मोहनपुर थाना के बंधुकुरूमटांड़ गांव में बीते 31 अगस्त 2012 को यह घटना घटी थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़िता के पति देवघर रिक्शा चलाने गया था. रात को वह नहीं लौटा. घर में महिला अकेली सोयी थी. आरोपित रिश्ते में सौतेला भैंसूर लगने का उल्लेख है. वह कमरे में जबरन घुस गया व दुष्कर्म का प्रयास किया. शोर मचाने पर लोग दौड़े ताे आरोपित भाग गया. इस संदर्भ में मोहनपुर थाना में कांड संख्या 289/12 दर्ज कर भादवि की धारा 376/511,504 तथा 506 लागयी गयी थी. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने फरार दिखा कर आरोप पत्र दाखिल किया. इधर न्यायालय से रेड वारंट जारी हुआ. बाद में 20 अक्तूबर 2016 को आरोपित पकड़ में आया व जेल गया. 9 नवंबर को रीतु यादव के विरूद्ध कोर्ट में आरोप गठन हुआ. इसके बाद पांच लोगों ने गवाही दी. केस करने वाली महिला भी घटना से इनकार कर गयी. इसके चलते आरोपित आरोपमुक्त हो गया.