फेमटो लेसर पूरी तरह सुरक्षित व आरामदायक: डॉ भारती

झोस्कोन-2016 के 14वें नेशनल कांफ्रेंस का समापन, सुलभ नेत्र चिकित्सा पर हुआ मंथन देवघर : झारखंड ओप्थाल्मोलोजिकल सोसाइटी (झोस्कोन-2016) के 14वें नेशनल कांफ्रेंस के अंतिम दिन डाबरग्राम स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में देशभर से आये नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आंखों के उपचार के नये-नये शोध पर व्याख्यान दिये. यह चार सत्रों में चला. इसमें रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2016 8:38 AM
झोस्कोन-2016 के 14वें नेशनल कांफ्रेंस का समापन, सुलभ नेत्र चिकित्सा पर हुआ मंथन
देवघर : झारखंड ओप्थाल्मोलोजिकल सोसाइटी (झोस्कोन-2016) के 14वें नेशनल कांफ्रेंस के अंतिम दिन डाबरग्राम स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में देशभर से आये नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सकों ने आंखों के उपचार के नये-नये शोध पर व्याख्यान दिये. यह चार सत्रों में चला.
इसमें रांची के कश्यप मेमोरियल आइ हॉस्पिटल की निदेशक डॉ भारती कश्यप ने कहा : फेमटो लेसर लासिक ब्लेड लासिक की तुलना में पूरी तरह सुरक्षित व आरामदायक है. फेमटो लेसर ब्लेडलेस कैटरैक्ट सर्जरी से ऑपरेशन के पहले दिन से ही आंखों की रोशनी में चमत्कारिक फायदा होता है. फेमटो ब्लेडलेस लासिक एक लेजर प्रक्रिया है. इसमें लेजर बुलबुलों के माध्यम से कॉर्निया का फ्लैप बनाया जाता है. फ्लैप बनाने की प्रक्रिया सरल व सुरक्षित है. इसके अगले स्टेप में कॉर्नियल स्टोमा पर एक ही सीटिंग में एबलेटिव लेजर कर पावर खत्म किया जाता है. ब्लेड वाली लासिक सर्जरी के दौरान कई बार बटन होल, फ्री फ्लैप बन सकता है.
फेमटो लेजर का कार्नियल फ्लैप हर जगह समान मोटाई का होता है और कॉर्निया के अंदरुनी सतह पर अच्छी तरह चिपक जाता है. फ्लैप की गुणवत्ता और सटीकता के कारण मरीजों की दृष्टि स्तर उच्च कोटि का हो जाता है. इस आरामदायक सर्जरी में ब्लेड का इस्तेमाल नहीं होता. इससे आंखों पर दबाव बहुत कम पड़ता है. इस सर्जरी के बाद आंखों में सूजन भी नहीं होता, इसलिये मरीज को भय भी नहीं लगता. पेज 16 भी देखें

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