कमीशनखोरी के फेर में मारा जा रहा गरीबों का हक
विक्रम तिवारीराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों को अनुदानित दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए भले ही सरकार व्यवस्था कर रही है. इसके बाद भी लाभुकों द्वारा समय-समय पर पीडीएस दुकानों में कम अनाज मिलने की शिकायत सामने आ रही है. लेकिन पालोजोरी प्रखंड के धावा पंचायत अंतर्गत कोरियाडीह पीडीएस दुकान के डीलर […]
विक्रम तिवारी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों को अनुदानित दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए भले ही सरकार व्यवस्था कर रही है. इसके बाद भी लाभुकों द्वारा समय-समय पर पीडीएस दुकानों में कम अनाज मिलने की शिकायत सामने आ रही है. लेकिन पालोजोरी प्रखंड के धावा पंचायत अंतर्गत कोरियाडीह पीडीएस दुकान के डीलर ने कम अनाज देने के जो कारण बताए इसने व्यवस्था की पोल खोल दी.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों को अनुदानित दर पर राशन उपलब्ध कराने के लिए भले ही सरकार व्यवस्था कर रही है. इसके बाद भी लाभुकों द्वारा समय-समय पर पीडीएस दुकानों में कम अनाज मिलने की शिकायत सामने आ रही है. लेकिन पालोजोरी प्रखंड के धावा पंचायत अंतर्गत कोरियाडीह पीडीएस दुकान के डीलर ने कम अनाज देने के जो कारण बताए इसने व्यवस्था की पोल खोल दी.
कामदेव सोरेन, शंकर हेंब्रम, देवीसन टुडू, सोनालाल टुडू आदि लाभुकों ने पीडीएस दुकान से निर्धारित मात्रा से 200 ग्राम चावल कम देने का आरोप लगाया.
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वितरण पंजी पर पूरी मात्रा लिख दी जाती है. वहीं इस संबंध में डीलर कालेश्वर हेंब्रम ने बताया कि वह भी चाहते हैं कि लाभुकों को पूरा अनाज मिले. मगर दें कैसे? विभागीय पदाधिकारी द्वारा बगैर कमीशन के अनाज का उठाव नहीं करने दिया जाता है. अनाज के एवज में 13 प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है. ऐसे में लाभुकों पूरा अनाज कैसे देंगे.
कमीशनखोरी रोके बगैर लाभुकों को कैसे मिलेगा लाभ: कालेश्वर
सरकार द्वारा ई-ओपीएस मशीन तो लगा दिया गया. लेकिन अधिकारी बिना अपना कमीशन लिए चावल का उठाव नहीं कराते हैं. डीलर के हेड के माध्यम से प्रत्येक माह आवंटन का 13 प्रतिशत बतौर कमीशन लेते हैं. जबतक सरकार के अधिकारी कमीशनखोरी बंद नही करेंगे, तबतक लाभुकों को सही लाभ कैसे मिल पायेगा.
कालेश्वर हेंब्रम, डीलर
गरीब किसे सुनाएं अपना दुखड़ा: विजय कोल
ग्रामीणों की शिकायत व डीलर की समस्या जानने पहुंचे थे. एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार मिटाने की बात करती है. दूसरी तरफ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ऐसी स्थिति में गरीब अपना दुखड़ा किसे सुनाएं. इसकी जांच कर एमओ पर कार्रवाई होनी चाहिए.
विजय कोल, पूर्व जिप सदस्य
शिकायत सही मिलने पर होगी कार्रवाई: एसडीओ
मामला गंभीर है. इसकी जांच की जाएगी. जांच में शिकायत सही मिलने पर कार्रवाई की जायेगी व रिपोर्ट भेजा जायेगा.
रामवृक्ष महतो, एसडीओ
क्या कहते हैं एमओ
इस संबंध में पूछे जाने पर एमओ राजें्द्र वर्मा ने कुछ भी बताने से इनकार किया. कहा कि विभाग को सब पता है.