जसीडीह सीएचसी में अब तक नहीं हुई महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति

जसीडीह : देवघर प्रखंड क्षेत्र के लगभग दो लाख आबादी वाले जसीडीह सीएचसी में करीब 15 वर्षों से महिला चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है. इस कारण महिलाओं को इलाज में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण महिलाएं एएनएम से इलाज कराने को मजबूर हैं. जसीडीह सीएचसी के अंतर्गत कुशमिल व बाघमारा पीएचसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2016 9:04 AM
जसीडीह : देवघर प्रखंड क्षेत्र के लगभग दो लाख आबादी वाले जसीडीह सीएचसी में करीब 15 वर्षों से महिला चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है. इस कारण महिलाओं को इलाज में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण महिलाएं एएनएम से इलाज कराने को मजबूर हैं. जसीडीह सीएचसी के अंतर्गत कुशमिल व बाघमारा पीएचसी आते हैं.
यहां भी एक-एक चिकित्सक ही तैनात हैं. जसीडीह सीएचसी में महिला संबंधित गर्भ जांच, सुरक्षित डिलिवरी, बंध्याकरण समेत कई अन्य प्रकार की बीमारीयों की जांच व इलाज किया जाता है, जो पुरुष डॉक्टर व एएनएम के भरोसे ही होता है. ग्रामीण महिलाएं जब सीएचसी पहुंचती हैं तो वे हिचकिचाहट के कारण पुरुष चिकित्सक को खुलकर अपनी बीमारी के बारे में नहीं बता पाती हैं. इधर, राज्य सरकार के स्वाथ्य सचिव ने लगभग दो माह पूर्व निर्देश दिया था कि क्षेत्र के सभी स्वाथ्य केंद्र में ही एएनएम की रहने की व्यवस्था किया जाये, जो वहीं रह कर क्षेत्र के लोगों का इलाज करेंगे, लेकिन अबतक ऐसी व्यवस्था कहीं नहीं देखी गयी है.
विभाग बना है उदासीन
जसीडीह सीएचसी प्रभारी डॉ महेश मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में महिला डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति के लिए कई बार विभाग से मांग की गयी है, लेकिन अबतक प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकी है. इस समय जसीडीह सीएचसी में एक दंत चिकित्सक डॉ आरएन झा व एक आयुष चिकित्सक डॉ दिग्विजय भारद्वाज है. वहीं कुशमिल व बाधमारा पीएचसी में भी महिला डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति नहीं है. जिससे महिलाओं को इलाज करने में काफी कठिनाई होती है.

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