नये सरदार पंडा की ताजपोशी के लिए बन रहा माहौल

देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर में नये सरदार पंडा की ताजपोशी का माहौल बन रहा है. जितने भी संशय की बादल दिख रहे थे, उसे सामूहिक प्रयास से समाज को एकजुट करने की कवायद के बाद बादल छंटते नजर आ रहे हैं. समाज के कई वरीय तीर्थपुरोहित समाज को एकजुट कर नये सरदार पंडा की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2016 8:46 AM
देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर में नये सरदार पंडा की ताजपोशी का माहौल बन रहा है. जितने भी संशय की बादल दिख रहे थे, उसे सामूहिक प्रयास से समाज को एकजुट करने की कवायद के बाद बादल छंटते नजर आ रहे हैं. समाज के कई वरीय तीर्थपुरोहित समाज को एकजुट कर नये सरदार पंडा की ताजपोशी की तैयारी में जुट गया है.
पिछले दिनों हुई बैठक में केएन झा जो पूर्व में कह चुके हैं कि मामले को लेकर अपील में जायेंगे, उन्हें भी समाज की भावना से अवगत कराया गया है. यह दावा भी किया जा रहा है कि श्री झा समाजहित में निर्णय लेने की बात कही है. हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी तक कोर्ट ने क्या निर्णय दिया, इसकी कॉपी अभी तक उन्हें नहीं मिली है. कोर्ट ने क्या व्यवस्था दी है, क्या कुछ मापदंड तय किये हैं. उन सभी का अध्ययन के करने के बाद ही रणनीति बनेगी. इसलिए कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री श्री झा समाजहित और बाबा मंदिर के हित में ही कोई निर्णय लेंगे.
ताजपोशी के लिए ले रहे सलाह
उधर, तीर्थपुरोहितों का दल पूर्व मंत्री श्री झा के आश्वासन के बाद अब सरदार पंडा की ताजपोशी के लिए बुजुर्ग पुरोहितों से संपर्क कर राय सलाह ले रहे हैं. 46 सालों बाद हुए इस निर्णय के बाद कैसे सरदार पंडा की ताजपोशी को यादगार बनाया जाये, इस दिशा में रणनीति बना रहे हैं.
दिन व तिथि तय करने के लिए ज्योतिषाचार्यों से संपर्क
मिली जानकारी के अनुसार सरदार पंडा की ताजपोशी के लिए दिन-तिथि तय करने के लिए कुछ पुरोहित ज्योताषाचार्यों के संपर्क में हैं. वहीं सरदार पंडा के परिजन भी अपने नये उत्तराधिकारी को हर तरह से तैयार कर रहे हैं.
फैसले की कॉपी मिलने के बाद आ सकता है नया मोड़
उधर, मंगलवार या उसके बाद देवघर कोर्ट से सरदार पंडा गद्दी विवाद के फैसले से संबंधित कॉपी हर पक्षकारों को मिल जाने की संभावना है. बताया जाता है कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद सरदार पंडा मामले में नया मोड़ आ सकता है. क्योंकि सरदार पंड़ा के अधिकार व कर्तव्य में कटौती की बात फैसले में कही गयी है. जो समाज के एक धड़े को मंजूर नहीं है. इसलिए फैसले की कॉपी और उसमें डिटेल्स देखने के बाद कुछ आपत्तियां हो सकती है. क्योंकि एक पक्ष है जो कतई नहीं चाहेगा कि कोर्ट सरदार पंडा की परंपरागत अधिकार में कटौती की जाये.

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